मोहब्बत है, सनम तुमसे
मोहब्बत है, सनम तुमसे
मोहब्बत है, सनम तुमसे
है दिलका, राब्ता तुमसे
नज़र ने कह दिया सब कुछ
ज़ुबान कुछ ना कहा तुमसे
यकीन दिल भी मेरे तुम हो
ज़रूरत ख्वाब है तुमसे
मेरी मंज़िल की चाहत तुम
सफर आग़ाज है तुमसे
सिफारिश दिल करे कैसे
गुज़ारिश दिलका है तुमसे
मेरी दुनिया बनाये तुम
हकीकत ईश्क है तुमसे
मेरी जन्नत मे तुम शामिल
क्यामत दिल नज़र तुमसे
तुम्ही को देखकर जीना
मेरी धड़कन चले तुमसे
खूशी तुमने दिया पल भर
इनायत ग़म सनम तुमसे
तुम्ही हो रूह ग़ज़लो की
लिखावट हर ग़ज़ल तुमसे
मेरा मकसद मेरा हासिल
बग़ावत की वजह तुमसे
समंदर आँखो सी गहरी
मुझे साहिल मिला तुमसे
तेरा मंज़र दिवाना है
मेरी पहचान है तुमसे !