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Sukanta Nayak

Inspirational

5.0  

Sukanta Nayak

Inspirational

वज़ीर

वज़ीर

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जीवन एक शतरंज की तरह है,

कभी हार तो कभी जीत,

कभी अमावस की रात 

तो कभी पूनम की चाँद होती है।


गलती चाहे कितनी भी हो 

मौकें मिलती हैं शतरंज में,

जो हो जाए गलती एक बार

गहरा चोट छोड़ जाती जीवन में।


फूक-फूक कर रखते हैं

कदम शतरंज के प्यादे,

कहीं कोई दुश्मन की टोली घेर ना लें,

ज़िन्दगी में डगमगाते कदम नसीहत दे जाते हैं।


कहीं कोई अंधियों में काले बादल घेर ना लें,

कभी मिलती शिकस्त, 

कभी मिलती विजय,

ये खेल ही कुछ ऐसा है 

इसीलिए तो सिखाती है, कैसे रहें निडर-निर्भय।


ज़िन्दगी की बात भी कितनी निराली है,

चाहे आये गम या खुशियाँ, कुछ ना कुछ सिखाती हैं।

गम आये तो दृढ़ बनाती हैं,

खुशी मिले तो आगे बढ़ना सिखाती हैं।

 

शतरंज की हर चाल 

और उसके पीछे छिपा दिमाग,

एक पहेली-सी होती है।

जीवन की हर परिस्थिति 

और उसके पीछे छिपे हर राज़,

किस्मत की लकीर होती है।


शतरंज की बिसात 

और वज़ीर की सोच,

राजा का राज्य और उसका ध्वज।

जीवन का उतार चढ़ाओ

और मन की सोच,

इंसान का कर्म और उसका प्रतिबिम्ब।


सिर कटा सकते हैं झुका नहीं सकते,

हार जाए कोई भी शतरंज की बाजी,

पीछे हट नहीं सकते, मुँह मोड़ नहीं सकते।

आ जाये कोई भी कठिनाई जीवन में

लड़ते रहेंगे जूझते रहेंगे, 

अगर हमने ठान ली तो 

हालात हमें तोड़ नहीं सकती।


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