क्यों
क्यों
कालिख से हाथ लगाए क्यों ?
फिर हमें बताने आए क्यों ?
मैं पूछ रहा हूं गंगा में,
तुम हाथ नहीं धो पाए क्यों ?
अब हाथ जले दिखलाते हो,
थे आग बुझाने आए क्यों ?
उगती ही नहीं हथेली पर,
ये सरसों तुम रख लाए क्यों ?
धन है हाथों का मैल अगर,
सब ही न धनी बन पाए क्यों ?
रखली जब जान हथेली पर,
तो फिर ऐसे घबराए क्यों ?
रह गए हाथ पर हाथ धरे,
जब कुछ न मिला पछताए क्यों ?
जिसके हाथों में जादू है
वह जादू ना दिखलाएं क्यों ?