साथ की अहमियत
साथ की अहमियत
जब तुम
तुम्हारा मन
तुम्हारा दिमाग
झंझावातों के मध्य रास्ता ढूंढता है,
जब तुम्हारी ही ज़रूरत
सबको होती है,
तो धरती का ज़र्रा ज़र्रा
तुम्हारे साथ होता है,
उस रास्ते के व्यवधान को
मिटाने की दुआएं लिए,
एक संवेदनशील वर्ग होता है,
तुम पर कोई आंच न आये,
इसके लिए जो
साम, दाम, दंड, भेद का
मार्ग अपनाता है,
उसे तुम कभी अनदेखा,
अनसुना मत करो।
क्रिकेट का मैच हो
या ज़िन्दगी का मैच,
उस समय खिलाड़ी ही
उतरता है मैदान में
और उसकी जीत
हमारी जीत होती है,
उसकी हार,
हमारी हार ...!
कोई और बल्ला
नहीं उठाता,
ना ही कैच लेता है,
लेकिन थरथराती
साँसों के संग
सब उसी पर
नज़रें टिकाए रहते हैं।
कुछ भी कहने वाला
न कभी सही था,
ना होगा
पर साथ चलने वाला
हमेशा सही होता है।