Cginta Man
Drama Fantasy
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आईना
ए दोस्त आज, बड़ी बात कह दी तुमने, फिर भी जिए जा रहा हूँ। ए दोस्त आज, बड़ी बात कह दी तुमने, फिर भी जिए जा रहा हूँ।
स्वाद, रिश्ते, रंग सब रखना है बनाये, सच में होली वो जो कभी न हो ली। स्वाद, रिश्ते, रंग सब रखना है बनाये, सच में होली वो जो कभी न हो ली।
चलिये गले मिलिए हर वक़्त करेंगे मोहब्बत वादा कीजिये। चलिये गले मिलिए हर वक़्त करेंगे मोहब्बत वादा कीजिये।
कर के तुझे कटघरे में खड़ा, चल कर लेते हैं आज वक़ालत... कर के तुझे कटघरे में खड़ा, चल कर लेते हैं आज वक़ालत...
आरजू थी तेरे बाहों की पनाहें हो, अब तो नजर फेर ली है तुमने।। आरजू थी तेरे बाहों की पनाहें हो, अब तो नजर फेर ली है तुमने।।
शायद एक जोकर की कमी रह गई... हाथों में रम्मी का खेल सही था। शायद एक जोकर की कमी रह गई... हाथों में रम्मी का खेल सही था।
तुम्हें आते-जाते देख रही हूँ तुम भरपूर कब आओगे ! तुम्हें आते-जाते देख रही हूँ तुम भरपूर कब आओगे !
घर के किसी कोने में गुम है मेरी किताब। घर के किसी कोने में गुम है मेरी किताब।
यहीं तो हैं जिंदगी के असली मायने। यहीं तो हैं जिंदगी के असली मायने।
राही सुकून का जो बनना चाहा, मुन्तजिर मैं बन के रह गया| यूं ही खुदा सा बनाना चाहा..... राही सुकून का जो बनना चाहा, मुन्तजिर मैं बन के रह गया| यूं ही खुदा सा बनाना च...
दिए जला कर अब ये लिखा है, आपके लिए नज़राना ये पेश। दिए जला कर अब ये लिखा है, आपके लिए नज़राना ये पेश।
पूरब, पश्चिम गमके चन्दन, पश्चिम दक्खिन सुरभित हरदम।। पूरब, पश्चिम गमके चन्दन, पश्चिम दक्खिन सुरभित हरदम।।
च्चे रहे सदा खुश उनके उनका आशीर्वाद जानों बदलते ज़माने की कुछ बात तुम भी जानों। च्चे रहे सदा खुश उनके उनका आशीर्वाद जानों बदलते ज़माने की कुछ बात तुम...
ऋषि-मुनियों की, राजा और रानियों की देवी-देवताओं, दैत्य-दानव और अप्सराओं की ऋषि-मुनियों की, राजा और रानियों की देवी-देवताओं, दैत्य-दानव और अप्सराओं की
एक दूसरे की मदद करने के लिए प्रेरित करते हैं, हर पल आप जीवित हैं जश्न मनाने के लिए एक एक दूसरे की मदद करने के लिए प्रेरित करते हैं, हर पल आप जीवित हैं जश्न मनाने ...
इसलिए ख़्वाब बुनने से डरती हूँ ख़्वाब कहीं फिर से ना टूट जाये...? इसलिए ख़्वाब बुनने से डरती हूँ ख़्वाब कहीं फिर से ना टूट जाये...?
परिवार जहाँ दिल की हैं धड़कन, परिवार से ही हैं सुखी संसार। परिवार जहाँ दिल की हैं धड़कन, परिवार से ही हैं सुखी संसार।
फिर शायद खुद ही उसे पीकर, नीलकंठ बन जाऊं। फिर शायद खुद ही उसे पीकर, नीलकंठ बन जाऊं।
वो भूल गए थे शायद अपने पेट के अन्नदाता किसान को । वो भूल गए थे शायद अपने पेट के अन्नदाता किसान को ।
उनमें गुण था दानशीलता मना कभी उन्होंने किया नहीं उनमें गुण था दानशीलता मना कभी उन्होंने किया नहीं