शोर ए दिल
शोर ए दिल
हमने की जो अनसुनी थी
बात वो बिलकुल सही थी ।।
कोई हममें ही कमी थी
दूर जो हमसे ख़ुशी थी ।।
हम सदा महसूस करते
बेबसी ही बेबसी थी ।।
देर में आया समझ में
सबसे आसाँ बन्दगी थी ।।
सिर्फ खुदगर्जी की ख़ातिर
तोड़ डाली दोस्ती थी ।।
पाँव के नीचे हमारे
राह पथरीली बड़ी थी ।।
कुछ नज़र आता नहीं था
जाने कैसी रोशनी थी ।।
हमने खो दी बेखुदी में
कीमती जो ज़िन्दगी थी ।।
जिसको पढ़ के होश आया
वो 'शशि' की शायरी थी ।।