दर्द
दर्द
मेरे प्यार का दर्द
क्या समझोगे
ए मुझे तड़पाने वाले
मेरी इश्क की खता
न सह पाओगे
मुझ से बेवफाई
करने वाले
रुह मे तुम झुलस जाओगे
जहाँ सांस मेरी बसती हैं
कर भी न सकोगे बयां वो मंजर
जब रुह मेरी तड़पती है
बन ना जाना कभी
आशिक इस आशिक़ी में
मांग सकोगे तो बस मांग
लेना हमें बंदगी में