दोस्ती
दोस्ती
बाकी सब रिश्ते तो भगवन बनाते हैं।
सिर्फ दोस्ती के रिश्ते ही हमारी मर्जी से आते हैं।
दोस्ती की खातिर मान सम्मान दे देते हैं।
कुछ लोग तो दोस्ती के लिए अपनी जान भी दे देते हैं।
बाकी रिश्ते बुरे वक़्त में हमें भूल जाते हैं।
सच्चे दोस्त ही हैं जो हर मुश्किल मे काम आते हैं।
ज्यादातर लोग आजकल स्वार्थी होते हैं।
दोस्त ही हैं जो हमारी ख़ुशी मैं हँसते और दुःख में रोते हैं।
दोस्तों को कभी मझधार में नहीं छोड़ना चाहिए।
जैसे भी हो सच्ची दोस्ती को नहीं तोडना चाहिए।
दोस्ती का कोई मोल नहीं, दोस्त तो बस दोस्त होता है।
दोस्त की कीमत वही जानता है जो उसे कभी खोता है।
सच्चे दोस्त, दोस्ती के लिए ही जीते हैं और उसके लिए ही मरते हैं।
अगर किसी मोड़ पर बिछुड़ भी जाए उसे बार बार याद करते हैं।