Shambhu Amlvasi
Inspirational
Coming soon
अधूरा सपना, अ...
अब आगे क्या..
प्रश्न चिन्ह ...
तक़दीर
खुश नही हूं.....
चलवा दो गोलिय...
संस्कार बच्चों को सिखलाएं दिल किसी का न कभी दुखाएं। संस्कार बच्चों को सिखलाएं दिल किसी का न कभी दुखाएं।
वक्त है,अब आईना सच का दिखाना चाहिए। वक्त है,अब आईना सच का दिखाना चाहिए।
जिस भारत की मिट्टी में जन्मी। उस मिट्टी में मिट जाने वाला इंसान हूँ मैं।। जिस भारत की मिट्टी में जन्मी। उस मिट्टी में मिट जाने वाला इंसान हूँ मैं।।
उसी सिस्टम का हम भी हिस्सा हैं। उसी सिस्टम का हम भी हिस्सा हैं।
करा दो दीदार तुम अपने, खड़ा हूं द्वार पर तेरे। चढ़ाता हूं पुष्प निशदिन,सजाकर आरती तुम् करा दो दीदार तुम अपने, खड़ा हूं द्वार पर तेरे। चढ़ाता हूं पुष्प निशदिन,सजाकर ...
पूरा कुछ भी नहीं होता अधूरेपन को ही हम पूरा कहते हैं। पूरा कुछ भी नहीं होता अधूरेपन को ही हम पूरा कहते हैं...
जिंदगी भर हाय हाय करते रहे कभी धांय धांय कभी फांय फांय करते रहे। जिंदगी भर हाय हाय करते रहे कभी धांय धांय कभी फांय फांय करते रहे।
हौसलों के दीप जलते ही रहेंगे अनवरत आँधियों के सामने बुझना कभी सीखा नहीं हौसलों के दीप जलते ही रहेंगे अनवरत आँधियों के सामने बुझना कभी सीखा नहीं
हम मादरे वतन पर फिर से जां न लूटा सके पंडितजी हम मुसलमां पुनः जन्म न पा सके। हम मादरे वतन पर फिर से जां न लूटा सके पंडितजी हम मुसलमां पुनः जन्म न पा...
निरंतर बीज ख्वाबों के बोने हैं। निरंतर बीज ख्वाबों के बोने हैं। निरंतर बीज ख्वाबों के बोने हैं। निरंतर बीज ख्वाबों के बोने हैं।
बेटा गलती करे, बाप धीरज धरे, धीर धर-धर हमारा, न आपा रहा। बेटा गलती करे, बाप धीरज धरे, धीर धर-धर हमारा, न आपा रहा।
सारा दुनिया से हैं निराला । इसने है सारे विश्व को हिला डाला सारा दुनिया से हैं निराला । इसने है सारे विश्व को हिला डाला
पता नहीं कितने वीरों ने, अपनी जान गंवाई है। पता नहीं कितने वीरों ने, अपनी जान गंवाई है।
बीती जायें जिन्दगानी, जीवन दो दिन का।। बीती जायें जिन्दगानी, जीवन दो दिन का।।
बेटा गलती करे, बाप धीरज धरे, धीर धर-धर हमारा, न आपा रहा।। बेटा गलती करे, बाप धीरज धरे, धीर धर-धर हमारा, न आपा रहा।।
स्वर्ग से बढ़कर धरा हो जाएगी, अश्क हर आँखों में आना चाहिए। स्वर्ग से बढ़कर धरा हो जाएगी, अश्क हर आँखों में आना चाहिए।
पल-पल लुटाता जो ज्ञान का भंडार जग में वही पाता यश और सम्मान। पल-पल लुटाता जो ज्ञान का भंडार जग में वही पाता यश और सम्मान।
मन में उजाला हो तो क्या बिसात अमावस्या की, फिर तो हर रोज़ ही दीवाली ही दीवाली है। मन में उजाला हो तो क्या बिसात अमावस्या की, फिर तो हर रोज़ ही दीवाली ही दीवाली ...
लक्ष्य को पाकर दिखाना है। सपनों को जी कर दिखाना है। लक्ष्य को पाकर दिखाना है। सपनों को जी कर दिखाना है।
जब बेटी थी तो मेरी अपनी एक अलग पहचान होती थी । जब बेटी थी तो मेरी अपनी एक अलग पहचान होती थी ।