छोटी सी ख़्वाहिश
छोटी सी ख़्वाहिश
इत्ती छोटी सी
ख्वाहिश है मेरी।
पंख लगायें
आसमां में उडूं
अपनी नज़रो से
देखूँ उस दुनियां को
जिसमें कोई भेदभाव नही।
इत्ती छोटी सी
ख्वाहिश है मेरी।
रहूँ जहाँ
प्यार बरसे वहाँ
जिसमें डूब जाएं
नफ़रत सदा
बंधे रहे भाईचारे से
हर एक शख्स यहाँ।
इत्ती छोटी सी
ख्वाहिश है मेरी।
जाऊँ जहाँ
अपनापन झलकें वहाँ
दुश्मन भी लगे गले
मिले प्यार भरा प्याला
कोई न हो अपरिचित यहाँ।
इत्ती छोटी सी
ख्वाहिश हैं मेरी।
मिट जाऊँ
ग़म न रहें
कुछ पाया नही वहाँ
महसूस नही हुई
स्वर्ग की जहाँ
गर्व हैं ऐसी मातृभूमि पर
जन्म हुआ यहाँ।
इत्ती छोटी सी
ख्वाहिश हैं मेरी।
पंख लगाएं
उड़े आसमां में हर कोई
अपनी अपनी नज़रो से
देखें उस दुनिया को
जिसमे कोई भेदभाव नहीं।