आलिशान
आलिशान
बहारें फिर भी आएंगी यहां
चेतेगी मरुस्थल में ज्वाला अपार,
मुश्किलों पर होगी हमारी विजय
विषमता में आएगी एकता की बहार।
भुलाकर जातिभेद संघ संगठन
अलग थलग होगा अपना देश,
अंदर की क्षमता को हम करेंगे उजागर
पहनेंगे प्रतिरोधक शक्ति का वेश।
चलेंगे जिम्मेदारियों पर अपने
अलग अलौकिक बनायेंगे पहचान,
ना झुकने देंगे हमारे सर को
परिचय होगा हमारी शान, बान, आन।
चुनौती को देंगे हम बुलंद जवाब
समग्र शक्ति से करेंगे मुकाबला
तेजस्वी होगा हमारा विशाल अभियान
संकल्पों से भरा होगा मन मंदिर आलिशान।