नशे और नींद का फर्क़
नशे और नींद का फर्क़
तुम्हारा प्रेम मेरी दिनचर्या का अहम हिस्सा था
तुम जब की कहती थी
तुम्हें चाय की लत लग गई है
मैं समझता था कि तुम प्रेम की बात कर रही हो .......................
हमारे- तुम्हारे बीच यही एक शब्द का संवाद था
फिर भी वर्षों- वर्षों तक चलता रहा
मेरी चाय पीने की लत जाने कब नशे में बदल गई
इसी बीच तुम प्रेम की बात करने लगी
तो इतना ही कह पाता हूँ
तुम्हारे हाथ की बनी चाय बहुत अच्छी होती है
और हर रोज़ एक उचकाहट के साथ मेरी नींद टूट जाती है
सचमुच, कई बार जिंदगी नशे और नींद का फर्क़ नहीं समझ पाती …