प्रगति में सबका साथ जरूरी है
प्रगति में सबका साथ जरूरी है
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें स्वीकार कीजिये
लेकिन साथ ही इस कडवे सच पर विचार कीजिये
देश को बांटने वाले स्वार्थी एक ही रट लगा रहे हैं
राजनेता और नौकरशाह, सेना पर हावी हो रहे हैं
दूसरे देश में सेना, नेता और बाबूओं पर हावी है
क्या ऐसे लोग, उस व्यवस्था को, मंजूरी दे रहे हैं
क्या हम सिर्फ देश के सेनानीयों का सम्मान करें
या प्रगति में भागीदार हर देशवासी का मान करें
नेता बाबू इंजीनियर, डाक्टर सीऐ मजदूर आदि
ऐसा कौन है जिसका योगदान नज़र अंदाज़ करें
निश्चित हमारे सुकून के पीछे कितने बलिदान है
जीवन से खेलने वाला हर वीर काबिले सम्मान है
क्या देश के शिक्षा संस्थानों का कम योगदान है
खिलाडी लेखक मीडिया पर देश को अभिमान है
असली मुसीबत व्यवस्था है जो सबसे बलवान है
हां कुछ स्वार्थी हैं जो अपनी अनदेखी से हैरान हैं
किसी पर छींटाकशी नहीं, व्यवस्था पर प्रहार करो
प्रगति में हर देशवासी का योगदान स्वीकार करो
देश बांटने वालों को, ये एहसास कराना जरूरी है
अकेली सेना अहम नहीं, हर देशवासी जरूरी है !