Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Anshu Shri Saxena

Inspirational

3  

Anshu Shri Saxena

Inspirational

प्रकृति माँ

प्रकृति माँ

1 min
545


हे मानव ! मत उलझ प्रकृति से,

जिसका स्थान है जननी का !

पंछी, नदियाँ या हो समंदर,

पशु, जंगल या हों विशाल भूधर !


सब के जीवन का मोल एक सा,

सभी का है स्थान एक सा !

तरु देते हमेँ प्राण वायु,

हरियाली है श्रृंगार धरा का !


कार्बन उत्सर्जन है बड़ी समस्या,

अकूत दोहन न हो धरा का !

कभी किसी प्यासे से पूछिये,

महत्व दो बूँद जल का !


प्राकृतिक संसाधनों का 

उपयोग हो सीमित,

आवश्यक है ऐसी पुकार !

हज़ारों नई पौध लगाना,

अब है समय की दरकार !


जल संरक्षण की दिशा में, 

महत्वपूर्ण क़दम उठाना है !

जल की बूँदों को एकत्रित कर,

गागर मेँ सागर भरना है !


मानव, जब तू होगा सचेत,

प्रकृति माँ मुस्कुरायेगी !

समृद्धि का चादर ओढ़ धरा,

झूम झूम इतरायेगी !


हे मानव ! तेरे ही आँगन में,

ख़ुशियों की फ़सल लहलहायेगी

और आगे आने वाली पीढ़ी भी,

बस तेरे ही गुण गायेगी !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational