चाँद और वो
चाँद और वो
एक चाँद मेरे आँगन में आता है,
दूसरा चाँद मेरे दिल को भाता है।
आँगन का चाँद बिल्कुल कोरा है,
दिल वाली का रंग जरा गोरा हैं।
सुना है तुझमें भी कुछ दाग है,
पर वो तो मेरी जिंदगी का राग हैं।
तू रातों में आए और दिन में जाता है,
उसका ख्याल तो हर पल सताता है।
लोग चाँद पर जाने का ख्वाब देखते हैं,
हम चाँद को पाने का ख्वाब देखते हैं।
जब तेरी चाँदनी पडीं उसके तन पर,
एक तीर सा लगा मेरे भी मन पर।
सभी तो तेरी चाँदनी के कायल हैं,
हम तो सिर्फ उसी के घायल हैं।
रात बीती अब तुझे जाना होगा,
सबेरा ही मिलने का बहाना होगा।