प्यार का शोला भड़का गया कोई
प्यार का शोला भड़का गया कोई
टूटे हुए दिल में
प्यार का शोला
भड़का गया कोई।
मेरी हँसती-खेलती
दुनिया में ना जाने
कब आग लगा
गया कोई।
बड़ा मुश्किल है
जिन्दा रहना
एक पल भी
उनके बिन,
पर तन्हाइयों में भी
जीना सिखा गया कोई।
टूटे हुए दिल में
प्यार का शोला
भड़का गया कोई !
मैंने मोती कि तरह
अश्कों को सजा रखा था
पर एहसास के धागों में
पिरो गया कोई।
मैंने हर एक ज़ख्म पे,
उसके उधारी का
जिक्र किया था,
अचानक ना जाने
भुलवा गया कोई।
अब हर शाम
इंतज़ार रहता है उसका,
पर वो शाम,
चुरा ले गया कोई।
मैंने हर रोज मिन्नतें,
दुआएं,अगरबत्तियां
जलाई उसे पाने के लिये,
पर यू ही क़फ़न में
लिपटा ले गया कोई।
टूटे हुए दिल में
प्यार का शोला
भड़का गया कोई !