रक्षासूत्र और ताबीज़
रक्षासूत्र और ताबीज़
मेरी कलाई पर बंधे रक्षासूत्र को
उनके गले में बंधे काले ताबीज़ से
प्यार हो गया था
वो दीवाली की मिठाई लेकर
मेरे घर आई
मैं भी ईद की सेवइयां खाने
उनके घर गया था
दोनों के दिल,
रक्षासूत्र और ताबीज़
सब राज़ी थे,
पर उन्हें देने वाले
द्वेष और द्रोह के पुजारी थे !
इसीलिए आज रक्षासूत्र और ताबीज़
खून से भीगे हैं
और दोनों के दिल
खेत में पड़े मृत शरीर में
शांत पड़े हैं...!