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Abhishek Mishra

Others

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आज की शिक्षा

आज की शिक्षा

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ज़िन्दगी के हर पहलु को समझना मुश्किल है,

किसी से उम्मीद रखना फ़िज़ूल है,

हर कोइ अपने बारे मे सोचता है यही तो दुनिया का वसुल है।

शिक्षा का स्तर ना तो गिरा है, ना ही शिक्षको ने अपना स्तर गिराया है,

परन्तु इस पापी पेट ने हर शिक्षक को रुलाया है ।

बदलती दुनिया ने शिक्षा को भी बदला है,

बच्चो ने थ्री जी फ़ोर जी को बडे प्यार से अपनाया है,

परन्तु अप्ने संस्कारो से जी को हटाया है ,

शिक्षा और रुपया का ये मेल भी अजीब है ,

इस युग मे शिक्षा भी रुपया के ही करिब है ।

हमने सुना था शिक्षा का कोइ मोल नही,

पर इस युग मे रुपया ने शिक्षा को भी खरीदा है ।

शिक्षा का धन्धा भी चलाते है शिक्षित लोग ,

क्योंकि इन्हे जो हो गया है पैसो का लोभ ।

हमारे देश का भविष्य किस ओर जा रहा है?

मानव अपनी सभ्यता छोड़ पश्चिमी सभ्यता अपना रहा है,

इंसान अपनी सभ्य्ता और संस्कृति से उब क्यो जाता है?

पश्चिम कि तरफ़ मत भाग दोस्त, क्योंकि पश्चिम मे जाकर तो सुरज भी डुब जाता है……


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