है वजूद मेरा ज़िन्दा
है वजूद मेरा ज़िन्दा
है वजूद मेरा ज़िन्दा,
तुम नहीं मार सकते मुझे,
मैं हूँ यहीं, सबके दिलों में बसी हुई।
जाओ कह दो उन सियासत के पूतों से,
न उड़ायें मेरी मौत का मज़ाक यूँ चिल्ला - चिल्लाकर,
मौन होकर कर लें प्रार्थना
मेरी आत्मा की शांति की,
और अगर उन्हें चिल्लाना ही है,
तो चिल्लाएँ अपनी आखिरी साँस तक,
ताकि न हो फिर कोई लड़की बदनाम,
यूँ सडकों पर बेबस, लाचार, सरेआम।
जाओ कह दो ईश्वर के आगे
दीप जलाने वालों से,
आगे आयें और बचा लें वो,
अगर एक निर्भया की भी जान,
तो समझ लें,
कि ईश्वर उनके सबसे करीब है,
और वो ईश्वर के,
और तब हो गया घर रोशन ईश्वर का,
उनके दया और साहस की लौ से।
और, मैं,
मैं तो हूँ यहीं,
सबके दिलों में बसी हुई,
तुम नहीं मार सकते मुझे,
क्योंकि,
था वजूद ज़िन्दा मेरा - तभी भी,
है वजूद ज़िन्दा मेरा - अभी भी...॥