तुम हंसती रहो हालतों पर
तुम हंसती रहो हालतों पर
अरे जाओ मुझे छोड़ कर अगर,
तुम खुश हो तो खुश ही रहो,
कौन सा मैं तुम्हें रोकने वाला हूँ।
तुम हंसती रहती हो ना अक्सर,
मेरे हालत पर तो हंसते रहो,
कौन सा मैं तुम्हारे सामने रोने वाला हूँ।
तुम क्या जानो किमत मेरी,
ना तो मुझे जताने का शौक है।
तुम्हें पता नही शायद मैं एक दिन,
पत्थर से हिरा होने वाला हूँ।
भटक रही हो ना तलाश में जिसकी,
उसे किसी और की तलाश है।
जिसे देखा है तुमने सपनों में,
वो कोई झूठा सा ख्वाब है।
लिखा कर ले जा तू मुझसे कि,
मैं तुझे अरसों बाद भी यही पर,
इसी गली में मिलने वाला हूँ।
पछताना पड़ेगा एक दिन,
तुझे भी जाने अनजाने में।
मिली थी तू सच्चे आशिक से,
किसी रोज एक जमाने में।
आज बदल रहा है वक्त तेरा पर,
मैं बदलते वक्त पे मिलने वाला हूँ।
तुम हंसती हो हालत पर तो हंसते रहो,
कौन सा मैं तुम्हारे सामने रोने वाला हूँ।