औकात की बात मत कर
औकात की बात मत कर
औकात की बात मत कर
तू मुझसे नहीं
आनेवाले वक्त से डर
औकात की बात मत कर,
रावण हिमालय उठा लेता था
ग्रहो को बंदी बना देता था
श्रीराम ने मिटा दी हस्ती
कभी झाँक अपने अंदर
औकात की बात मत कर,
कंस ने हजारों बच्चों को मारा
मथुरा में बहाई खून की धारा
श्रीकृष्ण ने दिखा दी हस्ती
पाप करना अब बंद कर
औकात की बात मत कर,
भष्मासुर शिव के पीछे पड़ा
शिव को मिटाने पर अड़ा
खुद ही हो गया वह ख़ाक
देख कभी-कभी ऊपर
औकात की बात मत कर,
महिषासुर ने आतंक मचाया
सबको अपने खौफ़ से डराया
माँ अंबा ने दी मौत की कस्ती,
कभी-कभी कुछ अच्छा भी कर
औकात की बात मत कर,
औकात की बात मत कर
तू मुझसे नहीं
आनेवाले वक्त से डर
औकात की बात मत कर।