हमें होश नहीं
हमें होश नहीं
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उनको लगता है कि हमें होश नहीं, बेखबर सोये है, अब
ये उनको कौन बताये, हम उन्हीं के ख्यालों में खोये हैं।
महेज़ रात का सपना था या सालों पुराना अफ़साना
हम तो यूँ ही खुश हो रहे कि आया था कोई दिवाना।
वो हमें याद करे न करे, गम नहीं इस बात का कोई
बस यूँ ही आते रहे सपनों में, एतबार करे न करे कोई।
ऐ चाहनेवाले, तू गम न कर, कोशिश हर रही है मेरी
तू सामने बस मिल जाये और मेरा आखरी दम निकले।
एक उनके आने की खबर है और निकला है मेरा जनाज़ा
राह में दोनों कहीं तो मिलेंगे,आमने-सामने होगा फ़साना।