विश्वास
विश्वास
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हमने जो देखा आँखों में झाँककर कर,
मोती चमक रहे थे उसके अन्दर।
आँखें लग रही थी गहरा समन्दर,
सपने तैर रहे थे उसके अन्दर।
सपनों की नैया लगानी थी पार,
माझी खड़ा था लेकर पतवार।
हवा के रुख को रहा था निहार,
विश्वास उस पर हो गया सवार।
विश्वास दे रहा था माझी को हौंसला,
नैया को माझी लहरों में खे चला।
लहरों में उठ रही थी तरंग
मोती बिखेर रहे थे सतरंगी रंग।
सामने दिख रहा था किनारा,
विश्वास और हौसलों ने दिया सहारा।
सपनों की नैया लग गई थी पार,
खुशियाँ उस पर हो गई थी सवार।
मोती को लिए दामन में समेट,
सफलता से हुई वहाँ तब भेंट।
विश्वास का जिसने लिया सहारा,
सदा चमकता है बन कर सितारा।
विश्वास हौंसलों को रखना सदा साथ,
समझना इनको अपने दोनों हाथ।
विश्वास हौसलों के संग भरना उड़ान,
होंगे पूरे अरमान बनेगी पहचान।