बंधन
बंधन
सलाह देने बैठे हर कोई,
कौन सुनता है किसी की,
देकर श्रेष्ठता दिमाग को,
समझे न बातें दिल की !
रूठना-मनाना ये दो पहलू,
होते हैं प्यार जताने के,
तालमेल गर हो बातों में,
तकरार न बढ़े आपस की !
बंधन ये पवित्र रिश्तों का,
साझेदारी से होता है गहरा,
व्यर्थ चिंता क्यों करें जब,
डोर मजबूत हो प्यार की !
हालात भले ही हो कैसे भी,
नफरत न आए दिलों में,
एक दूजे का विश्वास जीत,
मिठास बढ़ाए ज़िंदगी की !