Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Dheeraj Dave

Romance

2.9  

Dheeraj Dave

Romance

अमरत्व

अमरत्व

1 min
14.6K


अमरत्व क्या है जानते हो तुम

तुम्हारी मौत के बाद

जब किताबे टटोलते हुए

तुम्हारा खत देखकर रो पड़े कोई

या की किसी ट्रांजिस्टर में सुनाई पड़े

तुम्हारी आवाज और तुम जगजीत हो जाओ

पर्स में छुपाई हुई तुम्हारी फोटो आ जाए

निगाहों के आगे तो कोई इस तरह चूमे की

जैसे महबूब को चूमता है

तुम्हारी दी हुई किताबे अगर अब भी

किसी के तन्हाई की दोस्त है

तुम्हारे कपड़े आज भी महक उठते है

जब उन्हें छूता है कोई वात्सल्य से

प्रेम से या करुणा से

तुम्हारे जूते आज भी चमकाता है कोई

तुम्हारी आमद की उम्मीद के साथ

तुम्हारी दी हुई झूठी चॉकलेट अगर

अब भी पड़ी है किसी के दराज़ में

तुम्हारी उंगलियों का एहसास अगर

अब भी किसी को सर्द रातों में कसमसाता है

और तुम्हारी साँसों के भरम में अगर

अब भी कोई गुँथा हुआ है

तो सुनो!

तुमने फकत जिस्म छोड़ा है 

तुम जी रहे हो 

ऋग्वेद की शाश्वत ऋचा की तरह

मधुशाला की किसी रुबाई के जैसे

गुलाम फरीद की बोलियों जैसे

आसमान के तारों की टोलीयों जैसे

तुम अमर हो सप्त ऋषियों जैसे


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance