बेटी
बेटी
कितनी सुंदर प्यारी हूँ मैं
माँ तेरी ही प्रतिरूप हूँ मैं
देखो तो मेरी मुस्कान ज़रा
तेरी ही तो पहचान हूँ मैं।
नन्हे कदमों से दौडूँगी जब
ख़ुशियाँ ही आएँगी तब
देख के मेरी बाल लीला
हर लेती हूँ तेरी सब पीढ़ा।
क्यों उदास कभी तू होती
मैं तो हँसी की नन्ही पुड़िया
सुंदर सुंदर फ्रॉक पहनी
मैं हूँ तेरी प्यारी गुड़िया।
नहीं पराया धन कहना
तेरी माँ मैं सुंदर गहना
कोई कुछ भी कह ले माँ
मुझे तेरे ही संग रहना।
क्या जाने माँ बेटी का रिश्ता
बिकता खून यहां अब माँ
मैं तो तेरी परछाईं हूँ
मुझ सँग रिश्ता जोड़े रखना।
नहीं परवाह किसी की माँ
तू तो मेरी जननी है
जीने दे मुझे भी दुनिया में
तेरी ही तो अंश हूँ माँ।
आज सजाया जैसे मुझको
जीवन मेरी संवारेगी क्या
ना बोझ समझना मुझको
सबका सहारा बनूगी माँ