बात हैं जो इस दिल में
बात हैं जो इस दिल में
बात है जो इस दिल में तुम जताओ
कह दो ना सारी बातें मत छुपाओ।
हैं सुहाना त्योहार, पर्व होली
उलझने जो हो मन में सब भुलाओ।
गीत जो होठों पे पसंद है वो
गाके तुम मस्तीसे उन्हें दिखाओ।
क्यूं रखे हो सीने में आग तुम ये
द्वेष सारे मिलकर चलो जलाओ।
ना तुम्हें भाँता जो, सही नहीं है
तुम हो सच्चे, दिल से उसे हटाओ।