बदलते मौसम ।।
बदलते मौसम ।।
दुनिया के बदलते मौसम में, यहाॅ॑ लोग बदल जाते हैं।
कुछ की अपनी फितरत, कुछ के ईमान बदल जाते हैं
गर्मी में तिरस्कृत होता है, देखो सूरज प्यारा।
सर्दी में बिन सूरज के, तब होता नहीं गुजारा।
जब बहार बसंती आती है, दिल भी मचल जाते हैं।
दुनिया के बदलते मौसम में, यहाॅ॑ लोग बदल जाते हैं।
बारिश के मौसम की तो, बात निराली होती है।
तन भी भीगा, मन भी भीगा, चाल निराली होती है।
दिल को खूब डराने वाले, तब बादल काले आते हैं।
दुनिया के बदलते मौसम में, यहाॅ॑ लोग बदल जाते हैं।
जब फूलों का मौसम आता, दिल में खुशियाॅ॑ भर जाता।
तितली भौरे तब आते, दिल खुशबू सा महक तब जाता।
तब सुंदर फूलों के रंग, सबके मन को बहुत लुभाते हैं।
दुनिया के बदलते मौसम में, यहाॅ॑ लोग बदल जाते हैं।
मौसम की तरह लोगों के, दिल भी बदल जाते हैं।
अपने बेगाने हो जाते हैं, बेगाने अपने बन जाते हैं।
कुछ लोग यहाॅ॑ आते हैं, कुछ लोग चले जाते हैं।
दुनिया के बदलते मौसम में, यहाॅ॑ लोग बदल जाते हैं।