जीत -हार
जीत -हार
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जब चढ़ने लगो ऊंचाई पर,
कभी किसी को गिराना नहीं
लक्ष्य जीत होना चाहिए
किसी को हराना नही।
ईर्ष्या की भावना,
तुम्हें खोखला बनाएगी।
गुस्से की आदत,
छोड़ने से ही जाएगी।
सुनना सबकी ,
करना जो हो सही।
किसी की बातों में
आना नही।
आसान हो या मुश्किल,
हमेशा सत्य को अपनाना,
क्रूर मिले या मजबूर,
अहिंसा ही निभाना।
मेहनत, लगन, ईमानदारी
मित्र तुम्हारे
इनको कभी भुलाना नहीं
लक्ष्य जश्न होना चाहिए,
किसी की हार उसे जताना नहीं ।
लक्ष्य जीत होना चाहिये
किसी को हराना नहीं ।