सोया है नसीब मेरा...
सोया है नसीब मेरा...
सोया हुआ है नसीब मेरा
अभी नींद से वो ऊठा नहीं है,
भरी नींद में वो सोया हुआ है
जगा रहा हूँ, अभी ऊठा नहीं है,
ऊठा नहीं है, ऊठा नहीं है
भरी नींद से अभी ऊठा नहीं है।
यक़िन है मुझ को नसीब पर कि
मुझ से अभ तक वो रुठा नहीं है
इंतजार तो बस सही वक्त का है
कोई दोनों में से रूठा नहीं है
रुठा नहीं है, रुठा नहीं है
मुझ से अब तक कोई रुठा नहीं है।
मैने मिट्टी का एक घड़ा देखा
कई सालों से वह फूटा नहीं है
कर्मो की भट्टी में सिका हुआ है
नसीब मेरा अभी फूटा नहीं है,
फूटा नहीं है, फूटा नहीं है
मजबूत नसीब मेरा फूटा नहीं है।
मैने डाल पर सूखा पत्ता देखा
वो पत्ता अब तक टूटा नहीं है
अधूरा है एक सपना मेरा
पर सपना मेरा वो टूटा नहीं है
टूटा नहीं है, टूटा नहीं है
सपना मेरा वो टूटा नहीं है।
एक वादा मैंने खुद से किया था
वो वादा अब तक टूटा नहीं है
एक ईरादा मैने पक्का किया था
वो ईरादा अब तक टूटा नहीं है
टूटा नहीं है, टूटा नहीं है
पक्का ईरादा मेरा टूटा नहीं है।
साथ मुझे मिला है जिस का
साथ वो अब तक छूटा नहीं है
हाथ है मेरे सर पर जिस का
हाथ वो अब तक छूटा नहीं है
छूटा नहीं है, छूटा नहीं है
हाथ वो अब तक छूटा नहीं है।
मधुमक्खी का चाहे शहद चुरा लो
वो हुनर किसी ने लुटा नहीं है
मेरी रचना कापी पेस्ट कर चलो
पर हुनर मेरा कभी लुटा नहीं है
लुटा नहीं है, लुटा नहीं है
हुनर किसी ने कभी लुटा नहीं है।
सोया हुआ है नसीब मेरा
नींद से अभी वो ऊठा नहीं है।