कितना बदल गया इंसान ?
कितना बदल गया इंसान ?
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान,
कोरोना के कारण कितना बदल गया इंसान ?
पहले तुमसे करते थे हम प्रार्थना हरदम एक,
किसी तरह दिलवा दो हमको व्यस्त जीवन से ब्रेक।
तुमने इस प्रार्थना को हमारी कुछ ऐसे किया स्वीकार
ब्रेक लेने का सबके सर से उतर गया बुखार।
अब तो हम सब कर रहे बस एक ही दुआ सुबह-शाम,
किसी तरह ऑफिस खुलवा दो ,अब बहुत हुआ आराम।
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान,
कोरोना के कारण कितना बदल गया इंसान ??
पैसे को ही समझ लिया था हमने तो भगवान्,
पारिवारिक जीवन होता है कैसा, थे उससे अनजान।
मॉल्स और फ़ास्ट फ़ूड से भरी थी ये जीवन-शैली,
भोग-विलास वाली सभ्यता चारों ओर थी फैली।
अब तो घर में ही बनते हैं सारे स्वादिष्ट पकवान,
अलमारी में ही पड़े हुए हैं सारे महंगे परिधान।
झाड़ू, बर्तन में पुरुष भी अब तो बंटा रहे हैं हाथ,
अमूल्य समय सब बिता रहे हैं, परिवार के साथ।
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान,
कोरोना के कारण कितना बदल गया इंसान ??
विकास के नाम पर कुदरत का, करते थे खूब विनाश,
चारों ओर प्रदूषण था फैला,धरती हो या आकाश।
अब तो हवा भी शुद्ध हो गई, कम हो गया है शोर,
कहीं हिमालय के दर्शन हुए, कहीं सड़क पर आए मोर।
खुली हवा में सांस लेने का हमको समझ आ गया अर्थ,
धरती माँ पर नहीं करेंगे भविष्य में कोई अनर्थ।
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान,
कोरोना के कारण कितना बदल गया इंसान ?
सब कुछ अच्छा चल रहा है, पर अंदर है ये दुःख,
रोज कमा के खाने वालों की आज कैसे मिटेगी भूख।
कई हफ़्तों से ठप्प पड़े हैं सारे व्यवसाय, व्यापार,
लोगों से अब छिनने लगे हैं काम और रोजगार।
चारों ओर फैला है सबमें असामयिक मृत्यु का भय,
आने वाला हो मानो धरती पर,अब कोई बड़ा प्रलय।
प्रभु अब लेना बंद करो हम सबकी ये परीक्षा,
कोरोना से मुक्ति की अब मांगते हैं आपसे भिक्षा।
कृपया अपने संसार की हालत अब संभालो भगवान,
कोरोना के कारण बिलकुल बदल गया इंसान।