हाँ, हक है हमें
हाँ, हक है हमें
हम बैठे हो नाव में
और नाव फंसी हो मझधार में
तो हक है हमें जीने का।
छोड़ नाव, कश्तीपर सवार होने का
हम चलते चले हो सफर पर
पर रास्ते हो खत्म और मंजिल हो दूर
तो हक है हमे चलने का
रास्ते छोड़ , राह मोड़ने का।
हम गा रहे हो सरगम
और छूट जाये तान
तो हक है हमे गुनगुनाने का
सुर से सुर मिलाने का
जिंदगी के कैनवास के कई रंग
पर गिर कर बिखर गये जो इसके रंग
तो हक है हमे नये रंग भरने का
जिंदगी की चित्रकारी रंगीन करने का
हाँ, हक है हमें
हक है हमें