जल हेच जीवन
जल हेच जीवन
जीवाची काहिली।दुष्काळाची झळ।
पाण्याविन आबाळ।सजीवांची।।१।।
जल नियोजन।नको उन्हाळ्यात।
जपा जलस्त्रोत।वर्षभर।।२।।
भेगाळते भूई।आर्त पाण्याविन।
वापरा जपून।सिंचनाने।।३।।
थेंबाची किंमत।तहानला जाणी।
वापरावे पाणी।आवश्यक।।४।।
मुबलक साठा।येईल हो कामी।
पर्जन्याची हमी।कोण देई।।५।।
जलाशय,तळी।पाणी साठवण।
होते बाेळवण।दुष्काळाची।।६।।
जल हे जीवन।ठसवा मनात।
प्रसार जनात।शिकवावा।।७।।
निर्माल्य,कचरा।नको पाण्यामधी।
प्रदुषित नदी।करू नका।।८।।
लावूनिया वृक्ष।पर्जन्या द्या हाळी।
मृत्युछाया काळी।टाळावया।।९।।
नसता हो जल।जीवन दुष्कर।
सुके चराचर। सृष्टी सारी।।१०।।
महिमा पाण्याचा।सर्वश्रुत असे।
करू नका हसे। मानवाचे।।११।।
ऐसे समजावे।जल महात्म्याला।
घोर संकटाला।हटवावे।।१२।।