Sarita Kumar

Tragedy

2  

Sarita Kumar

Tragedy

ये कैसा इम्तिहान ?

ये कैसा इम्तिहान ?

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53


सुधा - 

"पतंग आपकी कोई काट न सकें 

हमको आपसे कोई बांट न सकें 

बंधी रहे हमारे बीच वही डोरी 

जो आज तक कोई नाप न सकें " 

   हैप्पी मकरसंक्रांति


 कृष्णा - 👎👎👎 , 


सुधा - "जाइए अब बात नहीं करूंगी आपसे"


 कृष्णा - 👏👏👏 


सुधा - मैं बात नहीं करूंगी लेकिन इरादा नहीं बदलूंगी अपना, हमेशा हमेशा करती रहूंगी प्यार बेशुमार.... आप चाहें या न चाहें हम तो करेंगे आपसे ही प्यार ....


" कृष्णा - "अगर मैं ही ना रहूं तो .....? " 


सुधा - "ऐसा नहीं बोलिए , आप रहिए और हमेशा हमेशा रहिए। 


कृष्णा - "तुम तो यही चाहती हो न की मैं ना रहूं ? क्यों मुझे परेशान करती हो ? "


सुधा - "परेशान कहां , मैं तो प्यार करती हूं।"


कृष्णा - "तुम मुझे कुछ नहीं करने देती हो , नकारा बना दिया है । पागल हो गया हूं मैं तो ।"


सुधा - ओके , "अब नहीं करूंगी आपसे प्यार , कभी नहीं करूंगी ।"


 कृष्णा - "तुम तो झूठी हो एक नंबर की सदियों से झूठ बोलती आ रही हो कैसे करूं तुम्हारा यकीन ?" 


सुधा - अब क्या करूं "जो आप मुझ पर यकीन कर लें ? " 


कृष्णा - "मेरी तस्वीर पर अपने हाथों से माला पहनाकर फोटो पोस्ट करो तब यकीन करूंगा ।" 

.............................


कृष्णा - अगर "तुमने ऐसा नहीं किया तो जाहिर है कि तुम झूठी हो और हमेशा झूठी ही रहोगी । " 


सुधा - कितना मुश्किल में डाल दिया है मुझे ? कैसे कर पाऊंगी यह ? मैं आपसे दूर हो जाऊंगी , मैसेज नहीं भेजूंगी तब तो कभी याद नहीं आऊंगी न ? और ना कभी मेरी शक्ल आपके सामने आएगी ? फिर तो आप खुशी-खुशी रहेंगे न ? 


कृष्णा - लेकिन तुम ऐसा कर नहीं सकोगी ।


सुधा - अगर आपकी जिंदगी और अपनी बेहुदा जिद्द में से किसी एक को चुनना पड़ेगा तब तो आपका जिंदा रहना ही चुनूंगी न ? 


कृष्णा - मुझे यकीन नहीं है ....


सुधा - ओके, मैं ही तो हूं सारी फसाद की जड़ इसलिए मैं ही नहीं रहूंगी । आपको फिर गुस्सा भी नहीं आएगा । 



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