यादों की डाउनलोडिंग
यादों की डाउनलोडिंग
कभी मुझे गुनगुनाना बेहद पसंद था।मैंने कॉलेज में पढ़ते हुए सोच रखा था कि अपनी पहली तनख्वाह पर मैं एक टेप रिकॉर्डर खरीदूंगी और अपनी पसंद के गाने सुना करूँगी।
कितनी छोटी सी ख्वाहिश थी मेरी!
लेकिन वक़्त एक सा होता है क्या?वह तो अहसासात के साथ बदलता जाता है।वक़्त के साथ मेरी व्यस्तता भी बढ़ती गयीं और वे सारे ख़्वाहिशें भी न जाने कही खो सी गयी.....
कुछ जरूरी कागज़ की खोजबीन में मेरी पुरानी डायरी मिली।वह डायरी मेरे कॉलेज के समय की थी।न जाने उस समय की क्या क्या बातें उस डायरी में लिखी थी।आज कितने दिनों के बाद फिर से हॉस्टल के उन गोल्डन दिनों की यादें जैसे ताज़ा हो गयी। डायरी के आखिरी पन्नें में दो तीन लाइने लिखी थी।जैसे पढ़ने लगी तो समझ आ गया कि यह तो मेरा फेवरिट गाना था जिसे हम सब अपनी हॉस्टल की रूम में बार बार गाते रहते थे। वह जमाना था जब लोग रेडियो में गाने सुना करते थे।लेकिन अब वक़्त बदल गया है। अब अपनी पसंद के गाने सुनना कितना आसान हो गया है। spotify और भी न जाने ढेर सारी मोबाइल एप में मनपसंद गानों को सुन सकते है। मैंने झट से मोबाइल निकालकर उस गाने को डाउनलोड किया और सुनने लगी...
उस एक गाने ने मेरे मूड को चेंज कर दिया। आज उम्र के पाँचवे दशक में भी उन दिनों की ढेर सारी भूली बिसरी यादों को ताज़ा कर दिया और मैं थोड़ी देर के लिए ही सही हक़ीक़त की दुनिया से ख्वाबों की दुनिया मे गुम हो गयी...