niranjan niranjan

Classics Inspirational Thriller

4  

niranjan niranjan

Classics Inspirational Thriller

वो सफर

वो सफर

3 mins
269


व्यक्ति के जीवन का हर पल यादगार होता है। क्योंकि वह कुछ ना कुछ ऐसा करता रहता है कि वह अपने हर पल को भूलना नहीं चाहता है परंतु कुछ घटनाएं ऐसी होती है जो हमारे जीवन का हिस्सा बन जाती है ।जिसको हम बुलाने से भी नहीं भूलते हैं।

 मेरे जीवन का एक संस्मरण जिसको मैं भुलाए से भी नहीं भूल सकता।

  शादी के कार्ड बांटने के लिए मुझे चाचा जी के साथ दिल्ली जाना था। दिल्ली का नाम सुनकर ही मेरा माथा ठीनक गया क्योंकि दिल्ली में जब भी गयाा हूं मुझे सिरदर्द, बेचैनी सी महसूस होती है।

  मैं और चाचा जी गुरुग्राम पहुंच गए शाम के लगभग 7:30 बजे होंगे और हमें नजफगढ़ जाना था। वह लास्ट बस थी तो उसमे भीड़ होना स्वभाविक था। हमेंं भी लास्ट मे सीट मिल गई और हम भी सीट पर बैठ गए। थोड़ी देर बाद लगभग एक 16 साल की लड़की और लड़के की उम्र लगभग 19 प्रतीत हो रही थी ।। दोनों एक साथ बस में चढ़े मैं उनको देखकर ही भाग गया था कि यह दोनों प्रेमी युगल है । बस बस स्टैंड से रवाना हो गई दिल्ली की भीड़ भाड़़ वाली सड़कों पर बस धीरे-धीरे और रुक रुक कर चल रही थी वह दोनों मेरे से 2 सीट पीछे अंतिम सीट केेेे पास खड़े थे। बस में भीड़ बहुत थी बस ठसाठस भरी थी।

 वह लड़कीी उस लड़के के हाथ में हाथ डाले खड़ी थी। शायद वह लड़का लड़की को बेड टच कर रहा होगा।

  मैंने देखा तो नहीं परंतु मैंने महसूस किया। जब एक लगभग 45 साल कीीी महिला ने उनको लड़ना शुरू कर दियाा और उनकी हरकतों पर आपत्तियां जताई। पीछे और भी बहुत सारीीी सवारी खड़ी थी।जिसमें उस प्रेमी युगल के हम उम्र भीी खड़े थे। उन्होंनेे उन पर फब्तियांं कसना शुरू कर दिया।

 एक ने कहा आंटी सब कुछ होता है यह आम बात है। आप इनके बारेे मैं मत सोचिए।

 जब मैंने उस लड़के की बात सुनी तो मुझे भी गुस्सा आ गया मैं कुछ कहना चाह रहा था परंतु मेरे चाचा जीी ने मुझे रोक लिया। कहांंं बेटा दिल्ली हैै यहां सब कुछ जायज है। उनका अनुभव लंबा था उन्होंनेेेेेेेेेे लगभग 10 साल दिल्ली मैं बिताए थे। 

मैंने कहा "चाचा जी! कैसी बात कर रहे हो ?सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह की हरकत हो और सब चुप ।"

फिर चाचा जी ने मेरे को बहुत सारी बातें बताई मैं जो कुछ कहना चाह रहा थाा उसको मैं मन मसोसकर दबा गया। परंतुु उस रात मेरा मन मुझे कचोटता रहा।।

 वह लड़कीी उस प्रेमी के साथ है जिसने शराब का सेवन कर रखा है जो खुद की सुरक्षा नहीं कर सकता वह उस लड़की की क्या सुरक्षा करेगा?

 पता नहींं यह कौन सा प्यार थाा जो प्यार केेेे नाम पर सार्वजनिक स्थान पर बैड टच कर क्या साबित करना चाह रहा था यह कौनसााा जमाना आ गया शायद वह घुंघट निकाल ले बेटी 45 साल कीी महिला यही सोच रही होगी।

 जिसको कभी घर से बाहर निकलनेेे के लि माता पिता या भाई कााााा सहारा लेना पड़ता आज वह इस हरकत को देखकर नाा जाने कितनी परेशान रही होगी।

 क्योंकिि मैंभी यही बात बार बार सोच रहा हूं कि कहीं प्यार का मतलब जिस्म का आस्वादन तो नहीं रह गयाा है।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Classics