विचार
विचार
यूँ तो कई प्रकार के विचार हमारे मस्तिष्क में चलते है जिन्हें हम कभी रोक नहीं सकते चाहे विचार सकारात्मक हो या नकारात्मक इन्ही विचारो के चलते हमारे अंदर ऊर्जा उत्पन्न होती है।
एक धनी सेठ था उसके पास कहने को तो सब कुछ था मगर मन हमेशा अशांत रहता था क्यूँकि उसके दिमाग़ में कई प्रकार के विचार चलते थे। वह किसी भी बात पर पहले नकारात्मक तरीक़े से विचार करने लगता था इस कारण उसे कई बार विपत्तियों का सामना करना पड़ता था। उसे लोगों ने कई बार समझाया के तुम हर बात को पहले नकारात्मक तरीक़े से क्यों सोचते हो इसलिए विपत्तियाँ आती है हमेशा सकारात्मक सोचा करो।
कुछ समय बाद सेठ के घर में एक बच्चे ने जन्म लिया वह बहुत खुश हुआ क्यूँकि काफ़ी समय बाद उनको संतान प्राप्त हुई उनकी पत्नी बहुत ही सरल और ईश्वर भक्ति में लीन रहती थी। जब उनका बेटा थोड़ा बड़ा हुआ सेठ के दिमाग़ में फिर नकारात्मक विचार आने लगे वह बहुत कोशिश भी करता था के सब अच्छा सोचू लेकिन वह क़ाबू नहीं पा रहा था। वह सोचने लगा मेरा बेटा बड़ा हो कर मेरी पूरी संपत्ति नष्ट तो नहीं कर देगा? कही ग़लत संगति में रहकर ख़राब तो नहीं हो जाएगा? जैसे - जैसे उनका बेटा बड़ा हो रहा था उनके विचारो की गति भी बढ़ती जा रही थी। उनका बेटा धीरे- धीरे बहुत ज़िद्दी होने लगा जब छोटा था तब उसे लाड में हर बात पूरी करते थे। जैसे ही बड़ा हुआ जुआ और शराब की लत लग गयी वह पैसों को दुरुपयोग करने लगा वहाँ सेठ के नकारात्मक विचार उसे बीमार करते जा रहे थे यहाँ बेटा सब नष्ट करता जा रहा था।
सेठ के नकारात्मक ऊर्जा उनके बेटे पर असर कर रही थी बेटे की आदतें दिनो दिन और ख़राब होती जा रही थी और अब वह धनी से दरिद्र होता जा रहा था। उनका सब कुछ नष्ट हो गया और अब वे दरिद्रता में जीवन व्यतीत कर रहे थे।
कहते हैं न “हमेशा अच्छी सोच और अच्छे विचार रखो क्यूँकि उसी से ही ऊर्जा उत्पन्न होती है क्यूँकि प्रकृति का नियम है जैसी ऊर्जा दोगे वैसे ही वापस लौट कर आएगी और वैसा ही होता है”।