उसने सच कहा था
उसने सच कहा था
कृति अक्सर गुस्सा करती मेरे ज़िंदगी के प्रति रवैये को लेकर। हर समय उसका फ़ेवरेट डायलॉग - कल किसने देखा है, उसकी ज़ुबाँ पर रहता। मैं बस कॉलेज और घर से आगे कुछ सोच नहीं पाता। मुझे बस नौकरी कर घर की जिम्मेदारी उठानी थी।
कृति मेरी क्लासमेट, प्यारी बातों वाली प्यारी लड़की, पर मुझे अच्छी लगती थीं उसकी दो जोड़ी प्यारी-प्यारी आंखें। सादा लिबास पसंद करती थी, सादगी उसके व्यक्तित्व में चार चांद लगाती थी। उसे एम.बी.ए करते ही अमेरिका जाना था। उसने एक ही सपना पाला, वो भी दुनिया घूमने का। पढ़ने में अच्छी थी। हमेशा टॉप तीन में ही रहती थी। दूसरों की मदद को हमेशा तैयार रहती। मुझ पर जाने किस कारण से देवीजी मेहरबान रहती, पर मुझे अच्छा लगता था घर की जिम्मेदारी से इतर कोई आपका ख्याल रखे। वो भी ये जानते हुए कि मेरी सगाई हो चुकी है मुझसे बात करती तो, मुझे तो कोई परेशानी नहीं हुई। आखिर कार कॉलेज में उन लड़कों को ज्यादा भाव दिया जाता है जिनकी किसी लड़की से बात होती है।
आप भी सोच रहे होंगे आज मैं आपको ये सब क्यों बता रहा हूँ, दरअसल मुझे अभी पता चला कृति कैंसर से जूझ रही है और मुझसे मिलना चाहती है। मैं समझ नहीं पा रहा हूँ उससे मिलने जाऊँ या नहीं। पत्नी को साथ ले जाऊँ या नहीं। कृति तुम दोस्त ही नहीं संजीवनी की तरह रही कॉलेज टाइम में, पर पता नहीं मैं तुम्हारे रिश्ते को कितना निभा पाया। बस इसी उधेड़बुन बुन मैं बैठा था......
सोच रहा था उसने सच कहा था, कल किसने देखा है।