Shalini Dikshit

Others

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Shalini Dikshit

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उसका बीमार होना

उसका बीमार होना

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उसने आज पूरे दिन से एक कप चाय और बिस्किट के अलावा कुछ भी नहीं खाया था। १०४ डिग्री सेल्सियस बुखार से उसका पूरा शरीर तप रहा था। हम सब बहुत परेशान थे, स्पंजिंग की वजह से उसके शरीर का टेम्प्रेचर कुछ देर तक कम रहता लेकिन कुछ देर बाद उसके शरीर का टेम्प्रेचर फिर से १०४ डिग्री सेल्सियस हो जाता। सब कह रहे थे कि ये बुखार सर कोरोना वैक्सिनेशन की वजह से है तीन दिन में खुद ठीक हो जाएगा; लेकिन मन कहाँ मानता है। मन कह रहा था कि किसी हॉस्पिटल में ले चलो लेकिन सभी अस्पताल कोरोना के पेशेंट से भरे थे इसलिए किसी अस्पताल में ले जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी।

शाम होते ही उसे उल्टियाँ भी होने लगी, अब तो हद हो गई बुखार और उलटी एक साथ। बहुत हिम्मत कर उसे कार में लेटा कर अपनी कॉलोनी के पास एक नर्सिंग में ले कर गए। रात के समय वहाँ भी जूनियर डॉक्टर थे उन्होंने सिर्फ बुखार होने की वजह से एडमिट करने से मना कर दिया और कुछ दवाईयाँ लिख कर हमे हॉस्पिटल से बाहर भेज दिया।

अस्पताल से घर चले आए लेकिन उसका बुखार कम नहीं हुआ। रात भर वो बहुत परेशान रहा और हम सब भी उसके साथ जागते रहे।

सुबह होने पर उसका बुखार कुछ कम हुआ तो वो सो गया। वो ११ बजे सोकर उठा तो कुछ फ्रेस लग रहा था, उसने चाय मांगी। दोपहर को दो ब्रेड भी खाई। आज मन थोड़ा हल्का था। शाम होते-होते उसका बुखार उतर गया तो मैंने उसे कुछ खाने के लिए पूछा लेकिन उसने खाने से मना कर दिया और रात भर सोता रहा।

अगले दिन उसने बिस्तर से निकल कर कुछ चहल-कदमी की तो घर की कुछ रौनक वापिस आई और जब उसने खाने के लिए माँगा और खाया तो पूरा घर चमक उठा क्योकि वही तो मेरी जिंदगी की सनशाइन था, मेरे घर की रौनक था।


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