उजड़ा हुआ दयार-श्रृंखला(21)
उजड़ा हुआ दयार-श्रृंखला(21)
सरपट भाग रही ज़िन्दगी में पीछे मुड़कर देखने की किसी को फ़ुर्सत नहीं है।समीर हो, पुष्पा हो, मीरा हो, श्रीवास्तव जी हों या आपमें से कोई एक....हर दिन एक न एक नये चैलेंज का सामना तो कर ही रहे होते हैं।कुछ अपने किये गये कर्मों से उपजा चैलेंज तो कुछ सहज स्वाभाविक रुप से उठ खड़े हुए चैलेंज।
अब अमेरिका गिरते डालर से परेशान था तो चीन अपनी विस्तारवादी नीति को अंजाम न दे पाने के चलते।बिखरा हुआ रुस अपनी ताकत बढ़ा रहा था तो भारतवर्ष कांग्रेस विहीन होने और एक पार्टी के तानाशाह होने के ख़तरे की ओर बढ़ रहा था।असम, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, जम्मू कश्मीर और झारखंड के कुछ इलाके चरमपंथियों और देशद्रोहियों से रह रह कर कराह रहा था।प्रजातंत्र की व्यवस्था में कुछ सुराख़ होने से अक्सर नुमाइंदगी सही ढंग से नहीं हो रही थी....मसलन केन्द्र या राज्य विधानसभाओं के चुनाव में शत- प्रतिशत मतदान नहीं पड़ने, मात्र 40 या 45 प्रतिशत मतदान पर जन प्रतिनिधि चुन लिए जाने,जाति-पाति, रिजर्वेशन, दारु, रुपये पर वोट हासिल कर लेने आदि की प्रवृत्ति नुकसान पहुंचा रही थी।हां, जनता भी मानो इन सबसे बेख़बर होकर सत्ता दल के छलावे और प्रलोभन में संज्ञा शून्य हो चली थी।गड़े मुर्दे उखाड़ कर जन भावनाओं को उभारने उनको संतुष्ट करने का मानो अभियान चल रहा हो।पेट्रोल एक सौ के पार हो चला था।बेरोजगारी बढ़ती जा रही थी।जनसंख्या बे लगाम हो चली थी और भारतीय रुपया अवमूल्यन की ओर अग्रसर होता जा रहा था।
लेकिन किसे फ़ुर्सत थी इन बातों पर विमर्श करने की?
जो भी है जैसा भी है समीर को अब अपने उसी देश में लौटना था जिसकी जनता ढेर सारी समस्याओं से जूझ रही थी।हालांकि देश अब भी अनेकता में एकता का परिचय समय समय पर दिया करता था लेकिन कभी कभी साम्प्रदायिकता सामाजिक सौहार्द पर प्रश्नचिन्ह लगाया करती थी।जब कभी दुश्मन आंखें दिखाया देश में कश्मीर से कन्याकुमारी तक एकता दिखी थी।कुछ भी हो अपना देश सबसे नेक है।
यू.एस.ए. टुडे ने 12 हजार 232 लोगों की राय लेकर भारत में किए गए एक सर्वे में बताया है कि 24 फीसदी लोगों ने कोरोना वायरस को भारत की सबसे बड़ी समस्या तो 23 फीसदी लोगों ने भारत की बेरोजगारी को दूसरी सबसे बड़ी समस्या माना है।मूड ऑफ द इंडियन नेशन नाम से किए गए इस सर्वे में लोगों ने कोरोना महामारी, बेरोजगारी को देश की सबसे बड़ी समस्या बताया था। 12 हजार 232 लोगों की राय लेकर किए गए इस सर्वे में 24 फीसदी लोगों ने कोरोना वायरस को भारत की सबसे बड़ी समस्या बताया। शहरी क्षेत्र में 23 फीसदी लोग कोरोना महामारी को मौजूदा भारत की सबसे बड़ी समस्या तो ग्रामीण भारत के 24 फीसदी लोग कोरोना महामारी को देश की सबसे बड़ी समस्या मानते हैं।बेरोजगारी को मौजूदा वक्त में 23 फीसदी लोग भारत की दूसरी सबसे बड़ी समस्या मानते हैं। आर्थिक मंदी को मात्र 9 फीसदी लोग देश की तीसरी सबसे बड़ी समस्या मानते हैं।तो 7 फीसदी लोगों की नजर में किसानों का संकट मौजूदा वक्त की भारत की चौथी सबसे बड़ी समस्या है।7 फीसदी लोगों की नजर में भ्रष्टाचार भी बड़ी समस्या है, जबकि 6 फीसदी लोगों का मानना है कि सुस्त अर्थव्यवस्था भी इस वक्त देश की सबसे बड़ी समस्या है।
समीर को जाने क्यों एक नये सिरे से भारत में जीवन यापन करने को सोचकर ही भय लगने लगा।कोरोना में वर्क फ्राम होम के बाद कंपनियों ने छंटनी भी शुरू कर दी थी... जाने भारत लौटकर उसका क्या भविष्य होगा, इसे ही वह सोचना चाहिए रहा था कि उसे उससे भी बड़ी समस्या मीरा के साथ एडजस्टमेंट की भी थी।
सुरसा की तरह मुंह बाये चुनौतियां खड़ी हैं और समीर किंकर्तव्यविमूढ़ है।आपमें से कोई उसे राह दिखा सकेगा क्या?
(क्रमशः)