Akshat Garhwal

Tragedy Action Thriller

4.3  

Akshat Garhwal

Tragedy Action Thriller

The 13th अध्याय 24

The 13th अध्याय 24

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173


माउंट ब्लैक से कुछ ही दूरी पर छोटा सा गांव था और उसी के सरहद के पास लकड़ियों के कारखाने में काम चल रहा था.....लकड़ियां ट्रकों के द्वारा वहाँ पर आ जा रही थी। पर ये तो सिर्फ लोगों को दिखाने के लिए था! असल में जमीन के अंदर 50 फुट नीचे से CIA का किजिल का बेस था जहां पर फिलहाल कुछ लोग इकट्ठे हुए थे उनके सामने बिस्तर पर कोई पीछे दीवार से टिक कर बैठा हुआ था जिसे मरहम पट्टी की गई थी। वे सभी एक दूसरे को ऐसे देख रहे थे जैसे कोई जरूरी बात करनी हो पर बोल कोई नहीं रहा था, बस सभी एक दूसरे को घूर रहे थे.......

“मेरा नाम जानने की तुम्हें कोई जरूरत नहीं है, मैं तुम्हें सिर्फ इतना बता सकता हूँ कि मैं UNO के लिए काम करता हूँ और मिस्टर सिजार ने हमसे काफी सारे कर्ज लिया था और भाग गए थे” मिस्टर जोस ने अपनी पहचान छुपाते हुए सृजल से बात की “उसी को वसूलने के लिए हमारा एक ऑफिसर यहां पर आया था जिससे कल रात तुम्हारी फाइट हुई थी। जिसके लिए मैं माफी चाहता हूँ क्योंकि उसे लगा था कि तुम सिजार के लिए काम करते हो”

यहाँ पर मिस्टर जोस ने एलेनोरा की भी पहचान छुपाई क्योंकि CIA के ओफ्फिसर्स हर किसी के सामने अपनी पहचान नहीं खोल सकते।

“मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप लोग को है और वहां पर क्यों थे? पर मुझे सिजार से कुछ उगलवाना है..........मैं उस से अभी मिलना चाहूंगा” इतना कह कर सृजल पलंग से उठने लगा ई तभी उसका हाथ किसी चीज में फंस गया...... वो जंजीरे हथकड़ी की थी जिसे देख कर सृजल चोंक गया!

“करना नहीँ चाहते थे पर करना पड़ा क्योंकि कल रात तुम काफी गुस्से में थे और मैं किसी नागरिक को मारने की गलती नहीं करना चाहता” मिस्टर जोस ने यह बात बड़ी ही सादगी के साथ कह दी पर असल में यह एक धमकी ही थी जो सृजल समझ गया था।

“वैसे को से काम था तुम्हें......... माफ करना तुम्हारा नाम पूछना भूल गया?” पास में कोई और नहीं बल्कि रोबर्ट खड़ा हुआ था जो कि मिस्टर जोस के साथ ही वहां पर आया हुआ था।

“सर.....!”

“सृजल यादव!” सृजल के बोलने से पहले ही मिस्टर जोस ने उसका पूरा नाम ले लिया जिसके बाद उनका चेहरा कुछ परेशानी में आ गया

“आपको मेरा नाम कैसे पता है? मैंने तो नहीं बताया था पहले?” सृजल उन्हें शक की निगाहों से देखने लगा।

“वो..वो तुम्हारे फिंगरप्रिंट से मैंने पता कर लिया था” कुछ हिचकिचाते हुए मिस्टर जोस ने जल्दी से मोर्चा संभाला “आखिर हमें भी कंफर्म(Confirm) करना था कि कहीं तुम कोई अपराधी तो नहीं” और सृजल ने उसकी बात मान ली क्योंकि तर्क सही था

“हाँ तो मिस्टर सिजार से तुम्हें क्या काम था?” रोबर्ट ने फिर पूछा

सृजल अभी भी इस उलझन में था कि इन लोगों पर भरोसा किया जाए या नहीं......पर फिर सृजल ने सोचा कि सिजार इन्ही के पास है तो इन से मदद मांग ही लेनी चाहिए, क्या पता इनका कोई जासूस बच्चों के बारे में जनता हो?

“मेरे 2 बच्चे सिजार के पास है और.....!”

“तुम्हारे बच्चेsssssss!” मिस्टर जोस बहुत ही ज्यादा चोंकते हुए बोले जैसे उन्हें हार्ट अटैक आ गया हो “पर तुम्हारी तो शादी ही नहीं हुई?”

मिस्टर जोस ने जब सभी को उन्हें घूरते हुए देखा तो वो समझ गए कि उनकी जुबान एक बार फिर फिसल गयी और उन्होंने आंखे बंद कर अपना सर खुजलाया

“मन की आपको मेरे बारे में काफी कुछ पता है..पर आपका यूँ चोंकनाssssss?” सृजल को अब कुछ शक सा हुआ, वो तुरंत ही सतर्क हो गया

“दरअसल तुम इतने मासूम दिखते हो ना कि यह सोचना की बिना शादी के तुम्हारे बच्चे है?.......काफी अजीब बात है ना!” मिस्टर जोस ने तुरंत ही अपनी बात को संभाला इस से पहले की सृजल उनकी बात पर ज्यादा ही शक करने लगे।

“वो मेरे बच्चे नहीं है? पर जब वो मेरे पास थे तभी तब उन्हें ये सिजार अगवा करवा के यहाँ पर ले आया था” सृजल ने थोड़े गुस्से में कहा

“ओके, ओके...! उनका नाम बता दो तो हम उन्हें ढूंढ लेंगे” मिस्टर जोस ने सृजल से कहा

“लड़की का नाम ईव है और लड़के का नाम जैन, दोनों की उम्र करीब 15-16 साल है” सृजल ने अपना एक हाथ अपने सीने पर रखते हुए कहा

ये बात सुनते ही मिस्टर जोस ने रोबर्ट के कान में कुछ खुसुर-फुसुर की और रोबर्ट ‘हाँ’ बोलते हुए वहां से चला गया। अब कुछ देर तक सभी बस वहां कमरे में चुप थे क्योंकि वे सभी रोबर्ट का इंतजार कर रहे थे जो कि करीब 15 मिनट से बाहर गया हुआ था......... इतने में ही दरवाजा खुला तो सृजल ने सोचा कि वो सिजार को लेने के लिए गया होगा पर

“सृजल भैया!” सृजल के आश्चर्य का ठिकाना ही नहीं रह जब ईव और जैन उस दरवाजे से अंदर आये और सृजल को देखते ही खुशी के मारे उससे दौड़ कर लिपट गए। सृजल भी बच्चों को ठीक देख कर बहुत खुश हुआ, दोनों के सर पर हाथ फेरते हुए अपना प्यार जताया।

“आपका शुक्रिया सर...आप जो भी है आपकी वजह से बच्चे सुरक्षित है” सृजल की आंखें कुछ नम हो गई “अब मेरा यहां पर कोई भी काम नहीं है....मैं बच्चों को लेकर यहाँ से जाना चाहता हूँ!”

सृजल के मुँह से यह बात सुनते ही बच्चे चुप हो गए, मिस्टर जोस और उनके साथी ओफ्फिसर्स भी कुछ शांत हो गए जैसे कोई बात वो सृजल से कहना चाहते है जो सृजल को पसंद नहीं आएगी। उनकी ये खामोशी उसे कुछ ठीक नहीं लगी खासकर बच्चों की.......

“क्या हुआ बच्चों? तुम्हारे चेहरे क्यों लटक गए...” सृजल ने कुछ चिंतित होते हुए पूछा जिस पर बच्चों ने जवाब नहीं दिया बल्कि ईव ने सृजल के बगल में टेबल पर रखे हुए गुलाब के पौधे की ओर देखा....अब सृजल को कुछ समझ तो नहीं आया पर वह भी उस गुलाब के पौधे की ओर देखा। ईव ने अपना हाथ गुलाब की तरफ रखते हुए एक बार पलकें झपकाई और अगले ही पल वो गुलाब का पौधा खिलते हुए असामान्य रूप से बड़ा होकर छत से जा टकराया जिस पर अब सैकड़ों गुयलाब लगे हुए थे।

ये सब देखकर सृजल को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ, उसने बड़ी-बड़ी आंखों से एक दो बार बच्चों को और उस गुलाब के असामान्य पेड़ को देखा....... वो जनता था कि वो होश में ही है क्योंकि उसे अभी भी दर्द हो रहा था। पर सृजल को यह समझ नहीं आ राह था कि वो उसे क्या कहे........

“जनता हूँ कि ये सब देख कर तुम काफी चौक गए होंगे....पर यहीं सच है कि एक अनजान कारण के कारण कुछ लोगों में खतरनाक शक्तियां आ गयी है और ये दोनों उसी का उदाहरण है” सृजल ने मिस्टर जोस की बात बहुत ही ध्यान से सुनी “हम ये भी जानते है कि कौन सा क्रिमिनल इन दोनों की जान के पीछे पड़ा था जिसने इनके परिवार को खत्म कर दिया और हम तुम्हें यकीन दिलाते है कि हम इन बच्चों को पूरी तरह सुरक्षित रखेंगे इसलिए तुम्हे चिंता की जरूरत नहीं है”

यह कहते हुए मिस्टर जोस सृजल के करीब आये जिस हाथ की तरफ उसकी हथकडी बंधी हुई थी, सृजल ने आव-देखा न ताव झट से धागे की तरह पलंग की रॉड सहित अपना हाथ छुड़ा लिया और मिस्टर जोस के पीछे आते हुए सृजल ने उनकी गर्दन पर अपना अंगूठा ऐसे गड़ा कर रखा जैसे कि कोई सूजा हो

“कोई अपनी जगह से नहीं हिलेगा और आगे बढ़ने की तो सोचना भी मत वरना तुम्हारा बॉस...” सृजल ने सभी को धमकी दी जो अभी अभी अपनी गन्स निकाल कर खड़े हो गए थे

“तुम इस क्यों कर रहे हो? अगर हमने बच्चों को तुम्हारे साथ जाने दिया तो वो खतरनाक क्रिमिनल एक बार फिर तुम तक पहुंच जाएगा....और तुम नहीं जानते कि वो कितनी तबाही मचा सकता है?” मिस्टर जोस ने झल्लाते हुए कहा क्योंकि उन्हें सृजल से इस तरह के व्यवहार की उम्मीद नहीं थी

“मैं तुम लोगों पर बच्चों को लेकर कैसे यकीन कर लूं, अगर तुम उन्हीं में से हुए जो इन बच्चों के पीछे पड़े हुए हो तो!” सृजल ने चीख कर अपना गुस्सा जाहिर किया “ मैं तो कुछ भी नहीं जनता की तुम लोग को हो...फिर तुम पर भरोसा कैसे कर लूं?”

सृजल को आक्रामक देख कर सभी ने अपने हथियार कुछ नीचे कर लिए पर सभी अब भी सतर्क थे।

“इस सब की कोई जरूरत नहीं है भैया” जैन बोला जिस पर सृजल को झटका लगा “ये लोग भरोसे के लायक है ये कोई गलत लोग नहीं है?”

“तुम इतने यकीन से कैसे कह सकते हो?” सृजल ने पूछा

“क्योंकि मैं पेड़-पौधों से बात कर सकती हूँ और उनसे ये पता चला है कि ये सभी लोग अच्छे लोग यही जो कि बुरे लोगों को पकड़ते है.......और प्रकृति कभी झूठ नहीं बोलती!” ईव ने सृजल का हाथ थामते हुए हुए कहा जिसकी गर्माहट ने सृजल को सच्चाई का अहसास करा दिया

सृजल ने मिस्टर जोस को छोड़ दिया और उनसे माफी मांगी। जिस पर मिस्टर जोस ने मुस्कुराते हुए उसे माफ कर दिया। अब जाकर सभी की जान में जान आयी...और सभी ने अपनी हथियार वापस रख लिए। मिस्टर जोस ने सृजल से वादा किया कि वो बच्चों का ख्याल रखेंगे और किसी भी तरह का खतरा होने पर उन्हें उस से दूर रखेंगे।

“ठीक है! मैं आप पर भरोसा करता हूँ.....पर अगर मुझे पता चला कि आपकी लापरवाही से इन बच्चों को कुछ हो गया है तो मैं आपकी जान ले लूंगा!” सृजल की आवाज में नरमी जरूर थी पर उसके शब्दों में गंभीरता भी थी जिसने एक पल के लिए सभी के रोंगटे खड़े कर दिए

“तो ठीक है,मैं चलता हूँ”

“हम तुम्हें यहां से ऐसे ही नहीं जाने दे सकते वरना तुम्हें हमारे बेस का पता चला जायेगा.....रोबर्ट!” इतना कहते ही रोबर्ट ने सृजल को एक इंजेक्शन जैसे सुई दी जिसके पीछे कुछ द्रव चढ़ा हुआ था “इसे लगा लो तो तुम बेहोश हो जाओगे जिसके बाद हम तुम्हें तुम्हारे दोस्त के बार में छोड़ देंगे.....ये सब करना पड़ता है...रहस्य रखने के लिए”

सृजल उनकी बात समझ गया कि कुछ रहस्य, रहस्य ही रहे तो बेहतर होगा। उसने एक बार फिर बच्चों को देखा, उनके सर पर हाथ फेरा और इंजेक्शन लगाने से पहले कुछ शब्द कहे............

“उस ऑफिसर को मेरी तरफ से थैंक्स कह देना, उसके कारण इतने दिनों बाद मैं इतनी अच्छी फाइट ल...दा.. हूँ..न........” इंजेक्शन लगाते ही उसकी जुबान लड़खड़ाई और वो बेहोश हो गया। मिस्टर जोस ने जल्दी से अपने कुछ और ओफ्फिसर्स को उसे बार में छोड़ आने को कहा क्योंकि उस दवा का असर 2 घंटे में खत्म होने लगेगा। उन ओफ्फिसर्स ने ऐसा ही किया, बिना देरी किये वो सृजल को वहाँ से निकाल कर ले गए और सृजल आराम से सोते हुए निकल पड़ा अपने दोस्त रिक के घर!

मिस्टर जोस और रोबर्ट ने वो मेडिकल वाला कमरा छोड़ा और बच्चों के साथ एक दूसरे कमरे में चले गए जहां पर पहले से ही कोई बैठा हुआ था, वो कमरा भी किसी लिविंग रूम जैसा ही था

“क्या वो चला गया?” कुर्सी पर बैठी हुई एलेनोरा बोली जिसकी पीठ दरवाजे की तरफ थी।

“हाँ......और जाते-जाते धमकी भी दे गया है कि कुछ भी गड़बड़ हुई तो मुझे जान से मार डालेगा” मिस्टर जोस ने बैठते हुए कहा, बच्चे भी रोबर्ट के साथ कोने में एक बिस्तर पर बैठ गए और रोबर्ट उन्हें अपने फ़ोन में कुछ दिखाने लगा जिसे देख बच्चे बहुत खुश हो रहे थे।

मिस्टर जोस की बात पर एलेनोरा मुस्कुराई, उसकी बाईं टांग पर और दायें हाथ पर पट्टी बंधी हुई थी साथ ही वो बीच-बीच में अपनी गर्दन के पीछे हाथ फेर रही थी।

“वो ऐसा ही है” एलेनोरा जैसे किसी याद में गुम हो गयी “जब हम पहली बार मिले थे तब भी उसने मुझे बचाने की कोशिश की थी जबकि कुछ देर पहले मैं उसे जान से मारने वाली थी। एक बार उसके मन में स्नेह जाग जाए तो फाई वो किसी भी हद तक जाने को तैयार हो जाता है”

“हाँ जैसे कुछ देर पहले उसने मुझे होस्टेज लेने की कोशिश में मेरी गर्दन पर अपनी उंगली रख सभी को डराने की कोशिश की थी” मिस्टर जोस ने मुस्कुराते हुए अपने माथे पर हाथ रखा “कल जब तुम्हारे मुँह से उसका नाम सुना था तो ऐसा लग था जैसे तुमसे कोई गलती हो गयी है उसे पहचानने में, पर वो तो सच में इंडिया की जगह यहां पर निकला”

“मेरी भी काम की वजह से काफी समय से उस से बात नहीं हो पाई थी” एलेनोरा ने कुछ तीखे नयनों से मिस्टर जोस को देखा जिन्होंने तुरंत ही नजरें बचा ली “पर मेरी पर्सनल एजेंट ने भी मुझे इस बारे में बताया नहीं, जबकी वो तो सृजल के ऊपर हमेशा ही नजर रखे हुए थी?”

एलेनोरा ने झट से अपना स्मार्टफोन निकाला और उसे न किया! पर वो न ही नहीं हुआ तो उसने ओर भी 2-3 बार कोशिश की पर वो न ही नहीं हो रहा था। तभी उसकी नजर सामने बोर्ड पर लगे हुए चार्जर पर गयी जहां पर जाकर उसने अपना फ़ोन चार्जिंग पर लगाया तो वो चालू हो गया। तब जाकर उसे समझ आया कि उसने तो काफी समय से अपना फ़ोन उसे ही नहीं किया और वो न जाने कब से ऐसे ही बंद पड़ा हुआ था। वैसे तो फ़ोन आज के समय में Wi Fi से चार्ज हो जाया करते थे पर एक बार 0 बैटरी होंने पर रेगुलर केबल चार्जर का उपयोग करना पड़ता था। थोड़ा सा चार्ज होते ही उसने उसे न किया............. और वाइब्रेशन से उसका फ़ोन करीब 20 मिंट तक बजट ही रहा। असल में उस फ़ोन में सृजल और उसकी पर्सनल एजेंट के इतने सारे कॉल और मैसेज आये थे कि वो फ़ोन बेचारा बज-बज के ही हैरान हो गया था।

“अब लगता है इन सब का जवाब देते देते में मर ही जाऊंगी” व्यंगात्मक हंसी में उसने खुद से कहा और फिर अचानक ही मिस्टर जोस को गुस्से में देखते हुए बोली “ एक बार ये मिशन खत्म हो जाये तो आपकी भी सैलरी में से अपना हिस्सा काट लूंगी वो भी साल भर का! जॉब छोड़ दूंगी वो भी पूरी वसूली कर के”

उसे इस तरह चिढ़ते हुए देख बच्चे और रोबर्ट हंसने लगे और अब.......वो उन तीनों के पीछे हाथ-धो कर पड़ गयी। 


सृजल सही सलामत रिक के पास पहुंच गया था, जहां पर रिक और जेसिका के ढेर सारे सवालों के जवाब देने के बाद अब उसने 2 दिन और वहीं पर गुजारे। कुछ समय बार में काम करके पुरानी यादों को ताजा किया, तो रात में अक्सर देर तक जाग कर पार्टी करी, नाच-गाना किया....कुल मिलाकर उसने पूरा समय अच्छे से एन्जॉय किया। उसने अपने दोस्तों को सिर्फ इतना बताया कि पुलिस को वो बच्चे मिल गए और उन्होंने उन्हें वापस उनके घर भेज दिया जिस पर बिना सवाल ही उन सभी ने उसकी बात का भरोसा कर लिया। इसी बीच वो कुछ उन जगहों पर भी गया जहां पर उसके दादा जी के दोस्त रहा करते थे, उनसे मिला और ढेर सारी बातें उनसे भी की और 2 दिन के बाद रिक और जेसिका को फिर मिलने का वादा करके वहाँ। से फ्लाइट पकड़ कर वापस इंडिया! जहां पर अलका उसे लेने के लिए आई थी जो उसे देख कर बहुत खुश थी कि वो सही सलामत वापस आ गया था। रूबी के बंगले पर पहुंच कर उसे अलका, आनंद और रूबी को बताया कि UNO वाले बच्चों की सुरक्षा का जिमा लेकर उन्हें अपने साथ ले गए पर सृजल ने उन्हें यह बात नहीं बताई कि वे बच्चे ‘सुपरपोवेर्स’ वाले थे!”

        

मिस्टर जोस अपनी टीम के मेंबर्स और बच्चों यानी ईव और जैन को लेकर रशिया से निकलने को तैयार हुए। वे अभी अपने बेस पर ही थे जहां पर वो पैकिंग कर रहे थे........

“क्या न्यूयॉर्क में किसी को फ़ोन लगा?” मिस्टर जोस एक छोटा सा सूटकेस हाथ में लिए कुछ परेशान से दिख रहे थे

“मैंने जैक से भी कांटेक्ट करने की कोशिश की पर कोई फायदा नहीं!” रोबर्ट भी थोड़ा हैरान था जबकि एलेनोरा बच्चों के साथ चलने को तैयार खड़ी हुई थी और उन दोनों की बातें सुनकर उसे भी कुछ ठीक नहीं लग रहा था। तभी TV स्क्रीन अचानक से लाल हो गयी और एक न्यूज चैनल उस पर चालू हो गया

“न्यूयॉर्क में आपातकालीन स्तिथि की घोषणा की जा रही है, सूत्रों से पता चला है कि पूरा का पूरा न्यूयॉर्क एक बड़े से सिग्नल जैमिंग एरिया में बदल गया है जहां पर अभी-अभी कुछ धमाकों की तसवीरें सामने आई है। साइबर क्राइम वालों का कहना है कि किसी आतंकवादी गट ने मिलकर यहां पर हमला कर दिया है जिसकी पुष्टि के लिए अभी वाहन पर पुलिस और आर्मी को भेज जा रहा है, आगे जानने के लिए बने रहिए...........!”

इतना सुन न था कि मिस्टर जोस की हालत खराब हो गयी, वो समझ गए कि को से कारण था जिस से वे न्यूयॉर्क कांटेक्ट नहीं कर पा रहे थे........पर अब एक अजीब सा डर उनके मन में आ गया था कि कहीं, इन अजीब सी शक्तियों ने कोहराम मचाना शुरू तो नहीं कर दिया या फिर ये सब सच में किसी आतंकवादी संगठन का काम है?......


आप सभी को क्या लगता है? अपनी समीक्षा में इसका जिक्र जरूर करें और मुझे बताये की आपको कहानी में मजा आ रहा है या नहीं?

अपना ख्याल रखे!



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