ANJALI GODARA

Children Stories Horror Thriller

4.0  

ANJALI GODARA

Children Stories Horror Thriller

सुनसान घर1

सुनसान घर1

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230


चंदनपुर नाम का एक गांव था। वहां के लोग पढ़ें लिखे नहीं थे। बस गांव के मुखिया का बेटा दिलीप ही शहर से पढ़ाई कर के आया था। इसलिए सभी लोग उसे शहरी बाबू कहते थे।

दिलीप पाँच साल बाद गांव में आया था। गांव में लोग उसे बहुत मानते थे। 

दिलीप के गांव के बाहर‌ एक बंद घर था। गांव के लोग वहां जाने से डरते थे क्योंकि गांव वालों का मानना था कि वहां भूत है। पर दिलीप यह सब नहीं मानता था। पर गांव वाले  यह दावा करते थे कि उन्होंने वहां एक साया देखा है। रात के समय तो वहां से कोई गुजरता भी नहीं था।

एक दिन गांव वालों ने दिलीप के गांव आने की खुशी में जशन रखा। गांव के सभी लोग वहां आये।

सभी लोग जशन में लगे हुए थे कि अचानक से किसी के चिल्लाने की आवाज आई और सब लोग वहां भागे गये की क्या हुआ।

तभी देखा कि गांव की एक औरत सुधा रो रही है और कह रही है कि हाय में लूट गयी। अब क्या हुआ।

तभी दिलीप के पिता ने पूछा क्या हुआ है बताओ हमें। सुधा ने बोला आज मेरे घर से कपड़ों की चोरी हो गई है।

सारे कपड़े कहीं नहीं मिल रहे।

तभी गांव वाले कहते हैं कि यह जरूर उस भूत का काम है।

पहले भी यहां से बहुत चोरियाँ हुई है हो ना हो ये जरूर उसका ही काम है। गांव वाले डर जाते हैं पर दिलीप इन सब बातों को नहीं मानता है और कहता है भूत प्रेत कुछ नहीं होता है ये जरूर किसी और का काम है।

सभी लोग घर पर आ जाते। दिलीप अपने कमरे में आ जाता है पर उसे नींद नहीं आती है और वह गांव वालों कि बातों को याद करता है और सोचता है कि वहां सच में कोई भूत है या कुछ और है।

और दिलीप वहां जाने कि सोचता है और किसी को बिना बताए वह वहां चला जाता है। उसके मन में बहुत डर होता है  पर वह सच जानना चाहता है।

दिलीप उस घर का दरवाजा खोलता है तो धीरे से घर के अंदर जाता है और जो देखता है उसे देख हैरान हो जाता है।

क्रमशः

  


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