ANJALI GODARA

Abstract

3.5  

ANJALI GODARA

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सुनसान घर 3

सुनसान घर 3

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दिलीप ने सजन सिंह से से बोला कि "आपको मुझे एक वचन देना होगा।"

सजन सिंह ने कहा "क्या चाहिए तुम्हें बताओ।"

दिलीप ने कहा "मैं आपकी पोती से शादी करना चाहता हूं। मैं इसे हमेशा खुश रखूंगा और मैं आपका भी  खर्चा उठा लूंगा।"

सजन सिंह ने कहा "ये क्या कह रहे हो बेटा मेंरी पोती से शादी? परंतु ये कैसै हो सकता है। तुम्हारे   परिवार वाले ये स्वीकार नहीं करेेेंगे। 

मेरी पोती बिन मां पिता कि बच्ची है और तुम इतने बड़े घर के लड़के ये कैसे हो सकता है।"

दिलीप ने कहा "मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है मैं एक पढ़ा लिखा लड़का हूँ। मुझे आपकी पोती पसंद है और मेरी पसंद मेरे माता-पिता कि पसंद होगी। आप चिंता मत करो मैं पूरी जिंदगी इसको खुश रखूंगा।"

दिलीप ने सजन सिंह से कहा कि "मैं कल सुबह जल्दी आपको लेने आऊंगा आप तैयार रहना।" इतना कह दिलीप   वहां से चला गया और अपने घर आ गया।

वह अपने पिता के पास आकर बोला "पिताजी मुझे आपसे कोई बात करनी है। मुझे एक लड़की पसंद है और मैं  उससे शादी करना चाहता हूं।और कल मैं आपको उससे और उसके दादाजी से मुलाकात करवाउंगा।"

दिलीप के पिता ने कहा कि "मैं खुश हूं। तुम्हारी पसंद ही हमारी पसंद है।"

दिलीप अगले दिन जाकर सजन सिंह और उसकी पोती को ले आता है और सबसे मिलवाता है।सबको लड़की पसंद आती है और धूम धाम से शादी हो जाती है और किसी को कुछ पता ही नही चलता।और धीरे धीरे भूत का डर खत्म हो जाता है।



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