सपनों की उड़ान
सपनों की उड़ान
5 वर्ष की नेहल डांस में अव्वल थी,टेलीविजन पर डांस देखते ही वह डांस करना शुरू कर देती थी,कही भी संगीत या बाजे की आवाज क्यों न सुनाई दें उसके पाँव थिरकने लगते थे।शादी विवाह जैसे मौकों पर डांस फ्लोर पर उसको डांस करते देख सभी मंत्रमुग्ध हो जाते थे।
एक तो इतनी कम उम्र की बच्ची और इतनी सफाई से डांस करती थी कि देखने वाले दाँतों तले ऊँगली दबाते थे।सभी उसकी इस प्रतिभा को ईश्वरीय गुण मानते थे।
नेहल के मम्मी पापा उसकी तारीफ से फूले नही समाते थे।आखिर हो भी क्यों न उनकी इतनी छोटी सी बच्ची अपनी मासूमियत और अपनी प्रतिभा से हर महफ़िल की जान जो बनने लगी थी।
एक मध्यमवर्गीय परिवार को और क्या चाहिए होता?बच्चों की प्रशंसा में ही उन्हें कुबेर का खजाना मिल जाता था।
नेहल और उसके मम्मी पापा दूर के रिश्तेदार के घर शादी में गए थे,वहाँ नेहल की प्रतिभा को देख शादी में आये मेहमानों में से एक ने कहा कि क्यों नही आप नेहल को डांस इंडिया डांस में भेजने की तैयारी करवाते?
नेहल के पापा इन सब बातों से अनजान थे,फिर उसी मेहमान ने पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया साथ ही बगल के शहर में चल रहे ऑडिशन और उसमें भाग लेने की प्रक्रिया समझाई।पहली बार जब नेहल के पापा नेहल को लेकर वहाँ गए तो वहाँ की भीड़ देखकर हतप्रभ रह गए।पहली बार तो नेहल का चयन नही हुआ पर नेहल के पापा को अपनी बेटी की प्रतिभा निखारने का एक रास्ता नजर आ गया।
फिर जहाँ भी डांस कम्पटीशन होता वह नेहल को लेकर जाते।कई जगहों पर नेहल को पुरस्कार भी मिले।
और उसके बाद नेहल को रियल्टी शो में भेजने की तैयारी शुरू हो गयी कई जगहों पर पहले राउंड में चयन के बाद वह छँट जाती पर धीरे धीरे उनका प्रयास बढ़ने लगा और अंततः चार वर्षों के कठिन प्रयास के बाद नेहल का चयन इंडिया गॉट टैलेंट के लिए हो गया।
नेहल के माता पिता ने कभी सोचा भी नही था कि उनकी बेटी इतने बड़े मंच पर परफॉर्म करेगी।सब कुछ ख़्वाब जैसा था।पर नेहल को अब देश विदेश में लोग जानने लगे।इनाम राशि और प्रचार राशि से घर की स्थिति में नेहल के भाई बहनों की स्थिति में सुधार होने लगा।
इस तरह एक रियलिटी शो ने पूरे परिवार की जिंदगी बदल दी।और नेहल को उड़ान भरने के लिए विस्तृत नभ सामने दिख रहा था।जरूरत था तो सही दिशा में सार्थक प्रयास की।