Rajesh Chandrani Madanlal Jain

Abstract

4.0  

Rajesh Chandrani Madanlal Jain

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सफलता

सफलता

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यह बात 44-45 वर्ष पूर्व की है। कुशलता एवं अन्य समाचार के लिए अंतर्देशीय पत्र का प्रयोग होता था। मैं इंजीनियरिंग पढ़ने बाहर गया तो घर से मुझे अंतर्देशीय पत्र लिखे जाते थे। 

मेरी 2 वर्ष बड़ी बहन भी पत्र लिखतीं थीं। उनके हर पत्र में ऊपर की पंक्ति समान होती, इसमें लिखा होता था - 

प्रिय राजू, शुभाशीष, सफलता तुम्हारे कदम चूमे। 

मुझे पता नहीं, 'सफलता तुम्हारे कदम चूमे' यह वाक्य उनका ही था या वे कहीं सुन/पढ़ कर इसे प्रयोग करतीं थीं। यह बात हमारे फूफा जी को पता चली तो शायद उन्हें मेरी क्षमता/प्रतिभा के बारे में शंका थी कि मेरी बहन का मेरे लिए यह आशीष कितना यथार्थ हो सकेगा। उन्होंने एक बार हँसकर कहा था - हम राजू की पत्नी का नाम सफलता रख देंगे। 

तब मेरी आयु 17-18 वर्ष की थी। सफलताओं-असफलताओं से मेरा पाला नहीं पड़ा था। मुझे फूफा जी की बात में शंका नहीं सिर्फ हास-परिहास समझ आया था। आज जब मैं उस समय को स्मरण करता हूँ तब सोचता हूँ, छोटों के द्वारा बड़ों का चरण स्पर्श, हमारी संस्कृति थी/है। उस समय विवाह होता था, उसमें वधु, वर से छोटी होती थी। कभी कभी दोनों में उम्र का अंतर 8-10 वर्ष तक का भी देखने में आता था। ऐसे में पत्नी का पति के चरण छूना, संस्कृति अनुरूप और सही था। 

वास्तव में परिवार एक ऐसा रथ है, जिसे दायित्व के जीवन कल्पनाओं, सपनाओं एवं अभिलाषाओं आदि रूपी घोड़े सरपट दौड़ाते हैं। जिसमें पहिए बराबर आकार के होते हैं। तात्पर्य यह है कि पत्नी का आयु में छोटी होने पर भी, वह परिवार रथ, जिसमें सवार माता-पिता, बच्चे आदि होते हैं, के पति के समान आकार की व्हील होती है। समान आकार के व्हील नहीं होने पर कोई भी रथ संतुलित गति नहीं कर सकता है। 

ऐसे में आज जब पति-पत्नी की आयु, बौद्धिक उपलब्धियाँ एवं शिक्षा लगभग समान होने लगी है तब प्रश्न उठता है - 

क्या सफलता सिर्फ पत्नी का नाम होना चाहिए या सफलता अब पति का भी उपनाम होना चाहिए ?

अन्य शब्दों में लिखें तो प्रश्न ऐसे उत्पन्न होते हैं - 

क्या पत्नी की सफलताओं में पति को सहयोगी नहीं होना चाहिए ? क्या पत्नी की पहचान एवं उपलब्धियों हेतु, पति के द्वारा पत्नी को अपने समकक्ष नहीं माना जाना चाहिए ? क्या पति-पत्नी का एक समान महत्व मानने का, हमारी संस्कृति में परिवर्तन लाया जाना आज प्रासंगिक नहीं हुआ है ?  


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