सोने से पहले
सोने से पहले
रात का खाना हो गया, मतलब हम गृहणियों का आज का काम खत्म,
पर, ऐसा होता कहाँ है !
किचन में जाकर मैंने देखा, फ्रीज में रखने के लिए कोई सामान बाहर तो नहीं छूट गया?फिर गैस -सिलेंडर चेक किया, अब चलो, मेन गेट भी चेक कर ही लेती हूँ, गेट में ताला बंद हुआ कि नहीं ?
सब सो गये हैं, किसी कमरे में अनावश्यक लाइट या फंखा तो नही ओन रह गया ? टिप-टिप की यह आवाज जरूर बाथरूम के नल से आ रही है ! अभी जाकर देखती हूँ ।
बालकनी में निश्चित ही कोई कपड़ा सुख रहा होगा ! अगर रात में बारिश हुई तो सब भीग जायेगा , ले आती हूँ ।
किसी का लैपटॉप वा मोबाइल ,चार्जर से तो कनेक्ट नहीं रह गया ? घर में वोल्टेज की समस्या पुरानी है, अक्सर फ्लकचूएट होते रहता है, नाहक में खराब हो जायेगा !
हाहह...चलो, सब कुछ चेक कर लिया, अब मजे से सोना है ।जैसे ही तकिये पर मैंने सर रखा ...
'कल सबेरे नाश्ते में क्या बनेगा , जो सबको पसंद आ जाय ?! दिमाग में नाचने लगा । तभी नज़र पड़ी ...एक बड़े से बंद लिफाफे पर ।ओह! आज दोपहर को डाक से मेरी पत्रिका आई थी ,उफ्फफ ! मैंने अभी तक इसे खोलकर तक नहीं देखा !
फटाफट मैं बिस्तर से उठी और पत्रिका लेकर स्टडी रूम में घुस गयी,पत्रिका के साथ एक कप काॅफी लेकर चेयर पर बैठ गयी, यह सोचकर कि रात तो अपनी ही है ....क्यों न अपनी मर्जी से जी लूँ !