संतुष्ट जीवन
संतुष्ट जीवन
ये एक कहानी शहर के लडके की है जिसका नाम प्रताप था . वह लड़कियों मे खेलने वाला सबसे बड़ा खिलाड़ी था . उसकी बहुत सी गर्लफ्रेंड थी कम से कम उसकी सौ गर्लफ्रेंड थी और कही लड़की के साथ शारीरिक संबंध बना चुका था . पैसे तो नहीं थे पर कही लड़कियां प्रताप का खर्चा उठाती थी और उन लड़कियों को अच्छे से संतुष्ट करता था.वह सौ लड़कियां प्रताप के पीछे पागलों की तरह भागती थीं. जब वह कॉल मिलाता तो भागते भागते उसके पीछे आ जाती उन सौ लड़कियों को पता था कि प्रताप की काफ़ी गर्लफ्रेंड थीं लेकिन उससे उनको कोई फर्क नहीं पड़ता था . लेकिन एक डर भी था उन लड़कियों को क्योंकि प्रताप जैसी संतुष्टि और आकर्षण कोई नहीं दे सकता था. सब लड़कियां प्रताप को बोलती तुम शादी कर लो मेरे से मै हर खर्चा और सब जिम्मेदारी सभाल लुगी बस तुम मुझको संतुष्ट करते रहना. लेकिन वह परेशान हो गया और सोच में पड़ गया कि शादी की जाए तो किस से. प्रताप ने सोचा और सब लड़कियों के आगे एक शर्त रखी जो लड़की सबसे ज्यादा अमीर और जिसके शरीर में अलग सी चमक हो उससे ही शादी करुगा और जिस लड़की ने हमेशा मेरे साथ ही सबंध बनाया उसी से शादी करूगा उन सौ में से एक प्रियंका नाम की लड़की जिसने हमेशा प्रताप के साथ सबंध बनाया और काफी धनी भी थीं बाकि की लड़कियां किसी न किसी साथ संबध बना लेती थी बस तो बिना सोचे समझे उसने प्रियंका नाम की लड़की से शादी कर ली और 99 लड़कियों को छोड़ दिया लेकिन अपने आप की संतुष्टि के लिए कुछ लड़कियां आती रहती थी . एक प्रताप था जो जिंदगी के असली मज़े ले रहा था.