संस्कृति
संस्कृति
कल अचानक हुई घनघोर बारिश के कारण आज मौसम ठंडा और खुशनुमा हो रहा था। बादल तो आज भी थे परंतु शायद टैंक लगभग खाली था इसीलिए हल्की फुहार से आगे नहीं बढ़ पा रहे थे। सोने पे सुहागा आज छुट्टी का दिन भी था।
बस फिर क्या था सुबह सुबह समुंदर किनारे बीच की तरफ जॉगिंग करते हुएं निकल गया। और वही एक तरफ वो टहल रही थी खूबसूरत और धीमी चाल से। हालाकि खूबसूरत थी फिर भी थी तो 70 करोड़ का एक हिस्सा ही, ज्यादा ध्यान दिए बिना मैं अपने आप में मगन दूर निकल गया, काफी दूर।
एक बार फिर वो सामने ही धीमे चाल से टहल रही थी। कपड़े कुछ अलग थे परंतु सूरत वही थी। चौंकना स्वाभाविक था फिर सोचा की शायद कोई हम शक्ल होगी, 70 करोड़ की आबादी में हम शक्ल मिलना मुश्किल हो सकता है नामुमकिन नहीं। कन्नी काट कर और आगे बढ़ गया।
अधिक दूर नहीं जाना पड़ा एक बार फिर वो सामने ही टहल रही थी। तीन तीन हमशक्ल नामुमकिन तो नहीं है।
लगातार यही होता रहा मैं कन्नी काट कर आगे बढ़ता रहा और वो हर बार सामने आती रही। आखिर कब तक कन्नी काटी जा सकती थी लिहाजा एक तरफ बैठ कर उसपर नजर रखने का फैसला किया और एक पत्थर की तरफ बढ़ गया। वो भी पत्थर की तरफ ही चल पड़ी।
उसने अपना नाम संस्कृति बताया। मैंने ध्यान नहीं दिया।
उसने मेरा ध्यान जबरदस्ती अपनी तरफ खींचा और मुझसे कहने लगी की तुम शादी करो। मैने उसे घूर कर देखा और पूछा की तुम हो कौन जो मुझे मेरी मर्जी के खिलाफ कुछ भी करने की राय दे रही हो ?
उसने कहा मैं संस्कृति हूं। मैंने भी पूछ लिया की तो मैं क्या करूं ?
उसने अपनी बात दोहरा दी की मुझे यहां एंजॉय करने की बजाए घर लौट कर शादी करनी चाहिए।
मैने कारण पूछना चाहा तो उसने बताया की मेरा शादी नहीं करना संस्कृति को नुकसान पहुंचा रहा है।
अब मैंने जरा गौर से उसे देखा तो उसके कान का निचला हिस्सा हल्का सा कटा हुआ था, वो सही बोल रही थी मेरा शादी न करना उसे नुकसान पहुंचा रहा था।
उसका सिर्फ कान का एक हिस्सा कटा हुआ था बाकी वो पूरी की पूरी एकदम फिट थी। थोड़ा शक हुआ मुझे तो मैने उससे पूछ लिया की यह जो कान कटा है यह मेरे शादी ना करने से कटा है।
उसकी ऊपर नीचे हिलती लंबी सुराहीदार गर्दन तुरंत ही सहमति में हिलती दिखाई दी। निश्चय ही वो संस्कृति थी शक की कोई गुंजाइश नहीं बची थी। परंतु मेरा तो जन्म की ज्ञान इकट्ठा करने के लिए हुआ है लिहाजा संस्कृति से बेहतर जानकारी कौन दे सकता था। इसीलिए मैंने प्रश्नों की झड़ी लगा दी।
अच्छा यह बताओ कि जब वो नीलम एक पिज्जा या एक पेग के लिए अक्सर मेरे साथ oyo होटल में चली जाती थी तब तुम्हारे किस हिस्से को नुकसान पहुंचा था ?
और जब नीलम ने प्रेगनेंसी को सबसे छिपाकर एबोर्ट करवाया था और पूछने पर उसने जवाब दिया था की यह उसका और सिर्फ उसका हक था तब कौन सा हिस्सा कट गया था ?
और जब वो मिसेज निशा अपने पति से छिप कर मेरे फ्लैट में रात गुजारने आई थी और ना केवल मेरे पास आने को बल्कि अपने पति से छिपाने को अपना हक बता रही थी तब तुम्हारा कौन सा हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ था ?
अच्छा वो मिसेज रमन जब अपने पति को बता रही थी की को मेरे पास फ्लैट में रात बताएगी और वो आपत्ति नहीं करेगा क्योंकि यह उसका हक है तब तुम्हारा कौनसा हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ था ?
अच्छा चलो ये बताओ की जब मेरी भूतपूर्व पत्नी अंजलि ने मेरे अजन्मे बच्चे को बिना मुझे बताए हत्या करवाई और इसे अपना हक बताया था तब तुम्हारा कौन सा हिस्सा जख्मी हुआ था ?
अच्छा यह बताओ की जब को हाई प्रोफाइल वैश्या रेशमा मेरे पास आती है तब तुम्हें क्या नुकसान पहुंचता है ?
अच्छा चलो यही बता दो की जब तो लड़की अमीषा पैसा कमाने के लिए सड़क पर मजदूर करने की बजाए मुझे ऐश करवाने का ऑफर दे रही थी तब तुम्हारा क्या नुकसान हुआ था ?
अच्छा चलो यही बता दो की जब वो सुनयना ने मेरे जैसे क्लर्क को छोड़ कर मैनेजर को चुना और अपने इस लालच को फाइनेंशियल सिक्योरिटी का प्यारा सा नाम दे दिया तब तुम्हार क्या नुकसान हुआ था ?
और जब वो मनीषा एक्स्ट्रा मैरिटल सेक्स को अधिकार बनाए जाने की मांग कर रही थी तब तो तुम्हारा काफी नुकसान हुआ होगा ?
और जब वो रोमिया पति से संबंध को रेप का दर्जा देने की मांग कर रही थी तब भी तुम्हें कोई छोटा मोटा नुकसान हुआ ही होगा ?
सवाल तो और भी बहुत थे परंतु वो जैसे अनसुना करने पर तुली हुई थी।
पहले तो वो मेरे सवालों को अनसुना करती रही फिर उसने अपने मोटे मोटे नयन मेरे ऊपर गड़ा दिया, मुझे लगा की अब वो अपने तीरे नजर से मेरा शिकार करने जा रही है और में अपने पूरे आत्मबल को इकट्ठा करके हमले का सामना करने की तैयारी करने लगा।
लेकिन वो मुस्कुरा दी और धीमे से बोली मेरा कान तो पिछले हफ्ते समुंदर में नहाते हुए मछली काट गई थी अब उठो यहां से और घर चलो आज रात में तुम्हारे पास रुकूंगी और कल मिस्टर नागेश के यहां जाना है। और मैं अपनी मूर्खता पर हंसते हुए हुए फ्लैट की तरफ पटल लिया।