संकल्प
संकल्प
असहनीय प्रचंड ताप व कड़े नियमों से परेशान हो उसनें भी अपने सहोदरों की देखा देखी अलग होने का फैसला ले कर अपनी अलग दुनिया बसाने का फैसला ले लिया।
जब तक तन में शक्ति व ऊर्जा रही मन प्रफुल्लित हो उमंग के साथ नव जीवन सृजित करने में लगा रहा। अपने आप में खोई वह जान ही न सकी कि उसके द्वारा पोषित भविष्य की चिन्ता किये बगैर उसके मर्म स्थल को चोटिल कर अपने में मगन हो चैन की नींद सो रहे थे।
अपने ही अंश द्वारा पुष्पित पल्लवित बगिया को स्वार्थ वश नष्ट करते हुये देख जब मन अत्यधिक दुःखी होने लगा उसनें आँसू भरी आँखों से विधाता को देख अपने त्याग और तपस्या के बदले मिलने वाले फल का उलाहना दिया। उसके उलाहने से विधाता का हृदय भी डोलने लगा।
जिससे गहरी नींद से जाग उसकी दयनीय दशा देख उसके सत्कर्मों को समझने वाली उसकी ही सन्तानों ने आखिर एक दूसरे के साथ अपने हाथों को जोड़ अब उसके दुख दर्द दूर करने का संकल्प ले ही लिया।