शादी की मेहंदी और इंतजार खत्म हुआ
शादी की मेहंदी और इंतजार खत्म हुआ
आज वह बहुत खुश थी।
5 साल के इंतजार के बाद आज यह दिन आया था ,कि उसके मेहंदी रचने वाली थी उसके पति के नाम की उसके प्रियतम के नाम की ।
वह सोच में डूब रही थी ,अतीत में विचार रही थी, कि किस तरह से उसके पिताजी ने बातों बातों में उसका रिश्ता तय करा।
व उन लोगों ने बिना एक दूसरे को देखे अपने पिताजी पर विश्वास रखकर हामी भरी।
पिताजी राजस्थान से एक विशेष सेमिनार में गुजरात गए थे।
वहीलड़के के पिता से उनकी मुलाकात हुई ।
और दोनों एक जैसे थे इसलिए दोस्ती हो गई।
और 3 दिन साथ रहे।
और बातों बातों में तीसरे दिन लड़के के पिता ने बोला कि मेरा एक लड़का है ,जो काफी लंबा है 6 फीट से ऊपर है । एमएससी बॉटनी है लेक्चरर है।
मैं उसके लिए लड़की देख रहा हूं ।
अच्छी संस्कारी परिवार की लड़की ढूंढ रहा हूं।
पढ़ी लिखी समझदार हो ।
लड़की के पिता बोलते हैं ,मेरी भी एक लड़की है जो एम ए साइकोलॉजी कर रही है अभी, वह भी अच्छी लंबी है ।
अभी तक तो मैं उसके लिए कोई लड़का नहीं ढूंढ रहा था।
अगर आपको मंजूर हो तो अपन रिश्ता पक्का कर देते हैं। और दोनों ने एक दूसरे को जबान दे दी रिश्ता पक्का कर लिया।
समधी जैसे गले मिले और छुट्टे पड़े ।
आज वे बहुत खुश थे।
घर आकर उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों को बताया,
और उसको बताया कि मैंने तेरा रिश्ता तय कर दिया है लड़का बहुत अच्छा है।
लेक्चर है ,एमएससी है।
मैं खाली लड़के के पिता जी से मिला हूं।
पर मुझे अच्छा लगा।
इसलिए मैंने रिश्ता तय करा है।
फिर भी अगर तुमको पसंद ना आए तो तुम ना कर सकती हो।
उसको अपने पिताजी पर पूरा विश्वास था।
उसने उस समय कुछ नहीं बोला।
थोड़े दिन बाद में वह लड़का उनसे मिलने आया।
का काफी अच्छा था।
दोनों ने एक दूसरे को पसंद कर लिया।
दोनों परिवारों में काफी हर्ष उल्लास का वातावरण रहा ।इस बीच लड़की की मां को कैंसर हो गया था।
उस जमाने में तो कैंसर का ट्रीटमेंट नहीं ,बहुत मुश्किल से होता था।
पता लगा लड़के को तो वह उनके घर आया।
उसने उस समय पूरे दो-तीन महीने वहां रहकर बहुत मदद करी।
और अपनी मां जैसे उनकी देखभाल करी।
इस सब में 5 साल बाद यह शुभ दिन आया है कि उसके हाथ में उसके पति के नाम की मेहंदी लगने वाली है।
वह बहुत ही खुश है।
यह आखिर में 5 साल का लंबा इंतजार अब खत्म हो जाएगा।
और वह कल अपने प्रियतम से हमेशा के लिए मिल जाएगी। घर वाले भी सब बहुत खुश हैं। सब तरफ खुशियों का वातावरण है ।
सब सखियां हर्षोल्लाह से गाने गा रहे हैं डांस कर रहे हैं।
तरह-तरह के पकवान बना रहे हैं ।
रसोई से सोंधी-सुंधी खुशबू आ रही है।
सोने में सुहागा इस खुशी में शामिल होने उसके चाचा पूरे परिवार के साथ में पहली बार आए हैं।
उसने जिंदगी में पहली बार अपने पिता के परिवार के रिश्तेदारों को देखा है।
क्योंकि उसके पिताजी की कहानी भी बहुत ही अलग रोमांचक तरह की रही है। बचपन में ही उसके पिताजी को उनकी मां के देहांत के बाद एक गुरुकुल में दाखिल कर दिया था ,और खुद ने दूसरी शादी कर ली और कहां बसे वह भी पता नहीं।
बहुत खोज करने के बाद में उस परिवार का पता लगा। और आज उसके चाचा चाचा और दादी इस शादी में शामिल होने आए हैं।
कितनी खुशी की बात होगी इसका कोई अंदाजा ही नहीं लगा सकता।
बहुत हंसी खुशी से शादी संपन्न हुई।
आज वह बहुत खुश है, और सब लोग बहुत खुश है।